आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कुशीनगर में बुधवार को दर्दनाक हादसा हो गया है। एक घर में अचानक आग लगने से एक ही परिवार के चार मासूम बच्चियों व मां समेत सात सदस्यों की जलकर मौत हो गयी। हादसे में झुलसी 12 वर्षीय एक अन्य बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घर में आग लगने के समय परिवार सो रहा था। बाहर की झोपड़ी में आग लगी और पक्के मकान तक पहुंच गयी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं फायर ब्रिगेड के जवानों के देर से पहुंचने के चलते स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त हैै।
बताया जा रहा है कि माघी मठिया निवासी शेर मोहम्मद दिव्यांग है। वह ऑटो चलाकर किसी तरह परिवार का पालते हैैं। रोज की तरह बुधवार को भी शेर मोहम्मद ऑटो चलाने गए थे। घर में उनकी बीवी फातिमा (32), बेटियां कुलसुम (12 साल), रोकईया (छह साल), आयशा (चार साल), अमीना (दो साल) व खतीजा (दो महीने) के अलावा दादा शफीक (72) व दादी मोतीरानी (68) मौजूद थीं। दोपहर में तेज गर्म हवा चलने के दौरान सभी घर के अंदर सो रहे थे।
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घर के बाहर ही एक झोपड़ी थी। दोपहर बाद करीब तीन बजे इसी झोपड़ी में अज्ञात कारणों से आग लगी। आग की लपटें झोपड़ी के साथ ही पक्के मकानों तक पहुंच गई। वहां सभी सो रहे थे। जब तक नींद खुलती तब तक पूरा परिवार आग में बुरी तरह से घिर चुका था। मकान में आग देख लोगों ने इसकी फायर बिग्रेड व पुलिस को देने के साथ ही ग्रामीणों ने पंपिंग सेट चला व आसपास के घरों से बल्टी से पानी लाकर आग बुझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन आग तब तक विकराल रुप ले चुकी थी।
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आग के काबू आने से पहले ही मां फातिमा व उसकी चार मासूम बेटियां रोकईया, आयशा, अमीना व खतीजा की जलकर मौत हो चुकी थी। गंभीर रूप से झुलसे ससुर शफीक, सास मोतीरानी व बेटी कुलसुम को एंबुलेंस के जरिए लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां कुछ देर बाद डॉक्टरों ने बुजुर्ग शफीक व मोतीरानी को भी मृत घोषित कर दिया।
बुजुर्ग पति-पत्नी ने अस्पताल में तोड़ा दम
वहीं आक्रोशित व गमगीन ग्रामीणों का आरोप था कि अग्निशमन विभाग का दस्ता सूचना देने के दो घंटे बाद पहुंचा। फायर ब्रिगेड के जवान अगर समय से पहुंच जाते तो कम से कम इतने अधिक लोगों की इस अग्निकांड के चलते जान नहीं जाती। हादसे के बाद गांव में मातम पसरा है।
वहीं हादसे की भयावहता को देखते हुुए स्थानीय पुलिस के अलावा एसपी धवल जायसवाल के साथ पहुंचे डीएम रमेश रंजन ने भी मौके का जायजा लिया। इस दौरान गांववालों ने फायर बिग्रेड कर्मियों की कारस्तानी की उन्हें भी जानकारी दी। हालांकि फायर ब्रिगेड के जवानों के देर से पहुंचने के बारे में रात तक पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने कोई बयान नहीं जारी किया था।