आरयू वेब टीम। भारत-चीन की तनातनी के बीच लद्दाख से बड़ी खबर सामने आई है। एलएसी के पार वो हाई पॉवर मोबाइल टॉवर लगा रहा है। हॉट स्प्रिंग इलाकों में उसने तीन मोबाइल टॉवर खड़े भी कर लिये हैं। ये मोबाइल टॉवर चीनी सेना को तो फायदा पहुंचाएंगे ही, उसकी जासूसी में भी बहुत सहायक सिद्ध होगा। यही नहीं, चीन ने भारतीय सीमा से लगे इलाकों में अबतक 624 बाईब्रिड गांव भी बसा लिये हैं। इन गांवों में उन हानों को लाकर बसाया गया है, जो परिवार के साथ भले ही रहते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर मिलिटरी ऑपरेशंस को भी अंजाम दे रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोगों को सैन्य प्रशिक्षण और जासूसी के लिए भी जरूरी ट्रेनिंग मिली हुई है। इस मामले को लेकर स्थानीय नेता ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि हमारा विकास कब होगा।
लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह के चुशुल से पार्षद कोंचोक स्टैंजिन ने मोबाइल टावर्स की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘पैंगोंग झील पर पुल को पूरा करने के बाद, चीन ने भारतीय क्षेत्र के बेहद नजदीक हॉट स्पि्रंग में तीन मोबाइल टावर स्थापित किए हैं। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? हमारे पास मानव बस्ती गांवों में फोर जी सुविधाएं भी नहीं हैं। मेरे 11 गांवों में निर्वाचन क्षेत्र में कोई फोर जी सुविधा नहीं है।’ चुशुल संयोग से पैंगोंग झील के दक्षिण में स्थित है, वास्तविक नियंत्रण रेखा गांव से लगभग आठ किमी पूर्व में स्थित है।
पार्षद ने सरकार से पूछे सवाल, हमारा कब होगा विकास? कोंचोक स्टैंजिन ने तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘पैंगोंग झील पर पुल बनाने का काम पूरा हो गया है, चीन ने चीनी हॉट स्प्रिंग के पास, भारतीय क्षेत्र के बेहद करीब तीन मोबाइल टावर लगाए हैं। क्या ये चिंता की बात नहीं है?
लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के पार चीन ने 624 हाईब्रिड गांव बसाए हैं। ये गांव पूरी सुख सुविधा से लैस हैं। कुछ गांवों की तस्वीरें भी आ चुकी हैं। इन गांवों को बसाने का फायदा ये है कि अगर भारतीय सेना चीनी सेना को रौंदते हुए आगे बढ़ेगी, तो चीनी ग्रामीण उनके रास्ते में आ जाएगी। ये ग्रामीण सैन्य प्रशिक्षण पाए हुए हैं, लेकिन भारतीय सेना अगर इन पर हमले करेगी, तो चीन इंटरनेशनल लेवर पर मानवाधिकारों का मुद्दा उठा कर भारत पर दबाव बना सकता है।
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इसके बारे में चीनी सरकार ने अपने दस्तावेजों में इस बात का खुलासा किया था कि कुल 624 गांव बनाए जाएंगे। वहीं रक्षा विशेषज्ञ ब्राह्मा चेलानी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने चीन की सरकारी वेबसाइट तिब्बत डॉट कॉम के हवाले से बताया है कि चीन की सरकार ने 2021 में गांव बनाने का काम पूरा कर लिया है। इन गांवों में बिजली, इंटरनेट, पानी और मजबूत सड़क जैसी सुख-सुविधाएं दी जा रही हैं।