लखीमपुर किसान हत्याकांड में आशीष मिश्रा को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट में जमानत पर सुनवाई स्थगित

लखीमपुर हत्या़कांड
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को फिलहाल जमानत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। पीड़ित के वकील की सुनवाई टालने की गुहार सुप्रीम कोर्ट ने मान ली। बुधवार को इस केस में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत रद्द होने के फैसले को आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा कि वो बताएं कि क्या दूसरी एफआइआर में आरोपित अभी भी जेल में है? जस्टिस सूर्यकांत ने प्रशांत भूषण की डे-टू-डे हियरिंग पर कहा कि हमारे मन में कुछ है, बड़ा मुद्दा शामिल है। कोई भी समय रेखा निर्धारण अभियोजन पक्ष के मामले को प्रभावित करेगा।

पीड़ितों की ओर से प्रशांत भूषण ने सुनवाई कल के लिए, या अगले हफ्ते के लिए टालने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सीनियर वकील दुष्यंत दवे की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए सुनवाई टाल दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या दूसरी एफआइआर में भी आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। लखीमपुर खीरी मामला में ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केस के ट्रायल को पूरा होने में कम से कम पांच साल लगेंगे। 200 गवाह हैं, 27 सीएफएसएल रिपोर्ट है।

प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ गवाहों पर हमला हुआ है। कुछ को धमकी दी गई है। लगातार डे-टू-डे हियरिंग की जा सकती है। सामग्री गवाहों की गवाही हो सकती है वह एमओएस (होम) के बेटे हैं, ऐसे में ट्रायल रोजाना होना चाहिए। गवाहों पर बेरहमी से हमला किया गया है। उन्होंने बयान देकर सबक सिखाने की बात कही थी। पीड़ित पक्ष के वकील प्रशांत भूषण ने यूपी सरकार पर दोषी का पक्ष लेने का आरोप लगाया।

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सुनवाई में आशीष मिश्रा की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आशीष मिश्रा की आरोप मुक्त करने की अर्जी निचली अदालत ने खारिज कर दी है। उन पर आरोप तय कर दिए गए हैं, वो घटना के समय कार में नहीं था, फिर भी एक साल से ज्यादा समय से जेल में है। पहले हाई कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर फिर से मामले को हाई कोर्ट भेज दिया था।

वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले इस मामले में निचली अदालत में आरोप तय हो जाने दिया जाए, उसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। छह दिसंबर 2022 को लखीमपुर की एडीजे  कोर्ट ने आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिए हैं।

बता दें कि यूपी के लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में तीन अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम में आठ लोगों की जान गई थी।

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