आरयू वेब टीम। बिहार के पूर्व सीएम व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में शुक्रवार को जमानत मिल गई। हालांकि, एक अन्य मामले में बेल नहीं मिलने की वजह से फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा और उनकी रिहाई नहीं हो सकेगी। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को रांची हाई कोर्ट से जमानत मिली है। हालांकि इन हालातों में लालू जमानत मिलने के बाद भी बिहार चुनाव के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगें।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया, आधी सजा काट लेने के आधार पर उन्हें जमानत मिली है। दो लाख रुपए और 50-50 हजार रुपये की सिक्योरिटी मनी पर उन्हें जमानत दी गई है।
हालांकि वे अभी जेल से नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि दुमका कोषागार के मामले में उनकी आधी सजा पूरी नहीं हुई है। वह नौ नवंबर को पूरी होगी। बिहार चुनाव से पहले आया फैसला राजद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला है। लालू प्रसाद की जमानत याचिका का सीबीआइ ने विरोध किया।
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दरअसल, चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को रांची की सीबीआइ कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है। लालू ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि इस मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को पांच साल की सजा हुए थी। मामले में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र समेत कुल 736 आरोपी थे, जिसमें सुनवाई के दौरान ही 14 आरोपितों की मौत हो चुकी है।