आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एलडीए के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री कराने के मामले में वांटेड बाबू लखनऊ विकास प्राधिकरण मुख्यालय के आसपास ही घूम रहा था। गुरुवार को इसकी जानकारी मिलने पर गोमतीनगर पुलिस ने बाबू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस अब भूखंडों के घोटाले के अन्य आरोपितों को तलाशने व साक्ष्य जुटाने की बात कह रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते नौ अगस्त को एलडीए के ही बाबू विवेक कुमार सिंह की तहरीर पर विक्रांत खंड स्थित भूखंड संख्या 2/1-बी की फर्जी रजिस्ट्री कराने के मामले में बाबू श्रीकृष्णा के अलावा प्लॉट की खरीद-बेच में शामिल विश्वास खंड जुगौली निवासी शरत चंद्र मिश्र व चौक इलाके के अनुज कुमार सिंह के खिलाफ गोमतीनगर कोतवाली में आइपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस तब से तीनों की तलाश की बात कह रही थी, हालांकि इस बीच नौ अगस्त को इसी रजिस्ट्री के दो गवाहों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था। वहीं इस मामले में शरत चंद्र व अनुज कुमार अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
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मुकदमें के विवेचक वेद प्रकाश शुक्ला ने बताया कि आज मुखबिर से सूचना मिली थी कि प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री का मास्टरमाइंड श्रीकृष्णा एलडीए मुख्यालय के पास मौजूद है, जिसके बाद घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद श्रीकृष्णा को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
कई मामलों में सामने आया श्रीकृष्णा व अजय प्रताप वर्मा का नाम
गोमतीनगर के विक्रांत खंड के प्लॉट के अलावा श्रीकृष्णा का नाम कुछ दिन पहले प्रियदर्शिनी योजना के चार प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री में भी सामने आया था। चार में से तीन प्लॉटों की इंट्री एलडीए के रिकॉर्ड में फर्जी ढंग से श्रीकृष्णा, जबकि गोमतीनगर के छह प्लॉटों के घोटाले के आरोपित लविप्रा के एक अन्य बाबू अजय प्रताप वर्मा की कंप्यूटर आइडी से की गयी थी। एलडीए ने इन दोनों बाबूओं पर बीती तीन सितंबर को गोमतीनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
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इसके अलावा हाल ही में गोमतीनगर के ही 13 प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में भी कुछ दिन पहले जेल भेजे गए रजिस्ट्री सेल के बाबू पवन कुमार के अलावा श्रीकृष्णा व अजय प्रताप का एक बार फिर नाम सामने आया था, 13 प्लॉटों में से आठ के रिकॉर्ड को इन्हीं दोनों बाबूओं की कंप्यूटर आइडी से बदला गया था। अजय वर्मा जहां पिछले साल नवंबर से फरार चल रहा, वहीं श्रीकृष्णा कुछ महीना पहले एलडीए से रिटायर्ड हो गया था।
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गोमतीनगर पुलिस पर लग रहा करोड़ों का घोटाला करने वालों को बचाने का आरोप
कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद भले ही आज गोमतनगर पुलिस ने करोड़ों के प्लॉटों के घोटाले के मामले में एक अवकाश प्राप्त बाबू को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, लेकिन गोमतीनगर समेत विभिन्न योजनाओं के दर्जनों प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री समेत कई अन्य मामले में महीनों व साल गुजर जाने के बावजूद पुलिस पिछले साल से फरार चल रहे शातिर बाबू अजय प्रताप वर्मा समेत अन्य भ्रष्टाचार करने वालों की गिरफ्तारी तो दूर मामलों से जुड़े सभी लोगों के बयान तक नहीं दर्ज कर सकी है। ऐसे में लगातार आरोप लग रहें हैं कि खुद के हाईटेक होने का दम भरने वाली गोमतीनगर पुलिस शातिर जालसाजों व कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार व एनकाउंटर कर अपनी पीट थपथपाती है, लेकिन उसके हाथ वांछित बाबू के अलावा धोखाधड़ी कर एलडीए के दर्जनों प्लॉटों की खरीद-बेच करने वाले गैंग के नामजद व पर्दे के पीछे छिपे सदस्यों तक आखिर क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं।
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इस मामले में एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्वत का कहना है कि एलडीए से जुड़े मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य मामलों में साक्ष्य संकलन समेत आगे की कार्रवाई चल रही है।
वहीं एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एलडीए ने विभिन्न मामलों में जो भी मुकदमें दर्ज कराएं हैं उनकी लिस्ट बनाने के साथ ही मुकदमों की पैरवी के लिए व्यवस्था और चुस्त-दुरूस्त की जा रही। घोटालों के मामलों में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पुलिस के अधिकारियों से भी बात की जा रही है।