आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते देशभर में किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के दूसरे ही दिन एक बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। ट्रेन व बस समेत यातायात के सभी साधने के पूरी तरह से बंद हो जाने के चलते दूसरे शहरों या प्रदेश में मजदूरी व श्रमिक वर्ग के अन्य काम करने वाले लोगों को घर वापस लौटने के लिए दस या 20 नहीं, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर की यात्राएं पैदल ही तय करनी पड़ रही है। खास बात यह भी है कि गर्मी में बिना खाने व पैसे के इस बेहद कष्टकारी सफर करने वालों में महिलाएं व बच्चें भी बड़ी संख्या में शामिल हैं।
वहीं इस तरह के सैकड़ों मामले सामने आने के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने केंद्र की मोदी व यूपी की योगी सरकार से मांग की है कि महिलाओं व बच्चों समेत मुसीबत के समय में सड़कों पर फंसे लोगों के लिए खाना व पानी का प्रबंध करने के साथ ही कोरोना वायरस की जांच कराकर उन्हें घर पहुंचाया जाए।
आज अपने एक बयान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में निर्माण एवं अन्य कार्यों में लगे मजदूर, रेड़ी, पटरी एवं खोमचे वाले, रिक्शा चलाने वाले, फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग जो रोज कमाता है और परिवार का पेट भरता है, ऐसे लाखों लोगों की रोजी रोटी पर लॉकडाउन के कारण बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब मजबूर असंगठित क्षेत्र के ये श्रमिक अपने घरों की तरफ लौटने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार द्वारा यातायात के समस्त साधनों की पूर्ण बन्दी के कारण ये पैदल ही अपने परिवार- जिसमें महिलाएं एवं बच्चे भी हैं के साथ सैंकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करने को विवश हैं। इनके पास रास्ते में खाने-पीने और पैसे की व्यापक कमी है, ऐसे में भूखे पेट ही सफर करने को विवश हैं। छोटे बच्चे यहां तक कि आठ माह के बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था नहीं है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि इन लोगों में से तमाम लोगों ने विभिन्न समाचार माध्यमों के मीडिया कर्मियों को बातचीत में सरकार पर अदूरदर्शिता का परिचय देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार पूर्ण लॉकडाउन से पहले हम लोगों को अपने घरों के लिए निकलने का समय नहीं दिया। अब कारखानों एवं बाजार की पूर्णबंदी के कारण हम लोग पूरी तरह से फंस गये हैं।
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अजय कुमार ने लॉकडाउन से पहले सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़ा करते हुए मोदी व योगी सरकार से मांग की है कि वापस आ रहे ऐसे लोगों के खान-पान की व्यवस्था करने के साथ ही कोरोना वायरस की भी इनकी जांच करायी जाए। इसके साथ ही कैश के रूप में आर्थिक सहायता करते हुए इनको घरों तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।