कोरोना वायरस के चलते UP में पान व पान मसाले की बिक्री और उत्पादन पर रोक

पान मसाले पर लगा प्रतिबंध
प्रतीकात्मक फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार तमाम तरह के उपाय अपना रही है। इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश सरकार ने एक और फैसला लिया है। योगी सरकार नेे अब सूबे में पान, पान-मसाला और गुटखा के निर्माण और बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने कहा है कि अगले आदेश तक राज्य में पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और वितरण को बैन कर दिया गया है।

इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश ने आदेश जारी कर दिया है। विभाग ने जारी किए गए आदेश में कहा गया कि कोविड-19 महामारी का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है जिसकी रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन घोषित किया गया है। साथ ही आदेश में ये भी कहा गया है कि पान मसाला खाकर थूकने और उसके पाउच का उपयोग करने पर संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए पान मसाला के निर्माण, भंडारण, वितरण और विक्रय पर रोक लगाई गई है।

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इससे पहले उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस का संक्रमण लार व थूक से भी होता है। इस वजह से सरकार पान मसाला और गुटखा को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है। इसके बाद से यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द ही सरकार पान मसाला पर प्रतिबंध को लेकर ऐलान करेगी।

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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि बाजारों, सड़कों, दफ्तरों व घरों तक में लोग कोनों-कोनों में पान, पान-मसाला और गुटखा खाकर थूकते हैं। थूकने से गंदगी व संक्रमण फैलता है। थूक का रोग को लेकर अब गहन विचार करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि केवल महामारी के समय ही नहीं, बल्कि सामान्य समय में भी जगह-जगह थूककर संक्रमण फैलाने की समस्या का स्थायी निदान तलाशना होगा। इसके दृष्टिगत ही प्रदेश में पान, पान-मसाला व गुटखा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पान मसाला का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इनमें कानपुर और नोएडा प्रमुख हैं।

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