राहुल की मांग, “लॉकडाउन के दौरान ‘एक्जिट प्‍लान’ को लेकर पारदर्शिता दिखाए मोदी सरकार”

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फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सुझाव दिए हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा है कि लॉकडाउन खोलने से पहले मोदी सरकार के पास क्या रणनीति है, इसके बारे में पारदर्शिता दिखाए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को डी-सेंट्रलाइज करने की जरूरत है। अगर सारे फैसले प्रधानमंत्री कार्यालय से ही होते रहे तो संकट खड़ा हो जाएगा। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने छोटे मझोले और मध्यम उद्योगों की स्थिति पर भी चिंता जताई और न्याय योजना के तहत मजदूरों के खाते में सीधे पैसे देने की बात भी कही।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेसवार्ता करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब हमें लॉकडाउन को खोलने की रणनीति की जरूरत है। सप्लाई चेन को लेकर आ रही दिक्कतों को दूर करना होगा। मजदूरों, किसानों, बिजनेसमैन, मध्यम उद्योगों को अभी मदद देने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस भी कई राज्यों में सरकार में है और हमारे पास कई महत्वपूर्ण लोग हैं, जो अर्थव्यवस्था पर पकड़ रखते हैं, इसलिए हम सरकार को राय देते हैं।

ये आलोचना का वक्त नहीं…

वहीं एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि ये आलोचना का वक्त नहीं है। हम जिस परिस्थिति में अब हैं, हमें उससे निकलना है। अब लॉकडाउन को खोलने की रणनीति की जरूरत है। आप किसी कारोबारी से पूछें तो वो बताएंगे कि हमारी सप्लाई चेन रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के बीच से निकलती है।’’ उन्होंने कहा कि हेल्थ और इकनॉमी के आधार पर जोन की समस्या का समाधान जरूरी है।

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लागू करना चाहिए न्याय योजना

इस दौरान मजदूरों के पलायन पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार को न्याय योजना को लागू करना चाहिए। सभी परिवारों के खाते में पैसा डालना शुरू कीजिए। सिर्फ 65 हजार करोड़ रुपये खर्च आएंगे। इसके बाद लोगों की सोच में बदलाव आएगा। अगर आप मजदूर हैं तो आपके पास कोई विकल्प नहीं है। सरकार को राज्य सरकारों से मिलकर पलायन पर बात करनी चाहिए।

राज्‍य सरकारों और डीएम को पार्टनर के रूप में देखे

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की एक अलग तरह की शैली है लेकिन हमें कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत सीएम, स्थानीय नेता, डीएम की जरूरत है। मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि वो राज्य सरकारों को, जिलाधिकारियों को अपने पार्टनर के तौर पर देखे और फैसले लेने को केंद्रीकृत न करे। इतना ही नहीं भारत में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए घरेलू खपत शुरू करने की जरूरत है। घरेलू खपत भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है।

स्टेट लेवल पर डिसाइड होने चाहिए जोन

राहुल गांधी ने कहा कि देश में जो जोन बनाए गए हैं, वह केंद्र सरकार के द्वारा स्टेट लेवल पर डिसाइड होने चाहिए था। हमारे बहुत से मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि केंद्र ने जो रेड जोन बनाए हैं, बहुत जगह पर वह ग्रीन जोन है और बहुत सी जगह जो ग्रीन जोन बनाया गया है, वह रेड जोन में है। जोन का बंटवारा लोकल स्तर पर डिसाइड होना चाहिए था।

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