श्रम कानून में बदलाव पर बोले राहुल, कोरोना के बहाने मानवाधिकारों को नहीं जा सकता रौंदा

डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट

आरयू वेब टीम। उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार समेत अन्‍य राज्‍यों की सरकारों द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को राहुल ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से कहा है कि कोरोना को बहाना बनाकर मानवाधिकारों को रौंदा व श्रमिकों का शोषण नहीं किया जा सकता है।

आज राहुल ने इस बारे में ट्विट कर कहा कि, अनेक राज्यों द्वारा श्रमकानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्य स्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।

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बताते चलें कि कई राज्‍यों ने विभिन्‍न तर्क देते हुए मजदूरों से काम लेने के घंटें को आठ से बढ़ाकर 12 कर दिया है। काम के घंटों में सीधे 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद श्रमिकों में जहां रोष है, वहीं कांग्रेस समेत सपा, बसपा व प्रसपा समेत अन्‍य राजनीतिक दलों व संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है।

लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की इस घड़ी में पहले से ही मजदूर वर्ग सबसे अधिक परेशान है, ऐसे में फैक्‍ट्री व अन्‍य संस्‍थानों के मालिक अब उनसे आठ की जगह 12 घंटें काम ले सकेंगे। जिससे सीधे तौर पर न सिर्फ उनका शोषण होगा, बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी पैदा होंगीं।

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वहीं सरकार की इस दरियादिली से चौबिसों घंटें काम करने वाली फैक्ट्रियों व अन्‍य कारखानों आदि के मालिकों को सीधे तौर पर यह फायदा होगा कि अब उन्‍हें मजदूरों की आठ-आठ घंटें की तीन शिफ्ट नहीं लगानी होगी बल्कि 12-12 घंटें की दो शिफ्ट में ही उनका पूरे दिन काम हो जाएगा। इससे श्रमिकों की छंटनी होना भी तय माना जा रहा है।

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