आरयू वेब टीम। संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। जहां दोनों सदनों की कार्यवाही जारी है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर डिबेट शुरू हो चुकी है। इसमें सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। उनके बाद कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने आज सदन पताकल के सामने अपनी बात कही।
आज इस बाबत सोनिया ने कहा कि, “पहली बार स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला कानून मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया।”
सोनिया ने आगे कहा कि, “यह उसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा। कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
यह भी पढ़ें- नए संसद में PM मोदी ने किया महिला आरक्षण का ऐलान, नारी शक्ति वंदन अधिनियम का दिया नाम
इससे पहले संसद की कार्यवाही शुरू हुई। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, यह संविधान संसोधन बिल है। उन्होंने बताया कि नए बिल के कानून बनने पर लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।
दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी। राज्य विधानसभा में महिलाओं के 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। यह आरक्षण 15 सालों के लिए लागू रहेगा। 15 साल बाद इसे बढ़ाना है यह संसद तय करेगी।