आरयू ब्यूरो,लखनऊ। काशी विश्वनाथ मंदिर पर टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर रविकांत पर लखनऊ विश्वविद्यालय कैंपस में ही एक छात्र ने हमला किया है। आरोपित छात्र का नाम कार्तिक पाण्डेय है। आरोप है कि प्रोफेसर को चीफ प्रॉक्टर ऑफिस के सामने ही थप्पड़ मारने के साथ ही जानलेवा हमला किया और जाति सूचक गालियां दीं।
इस मामले में प्रो. रविकांत ने कहा कि मैं दोपहर एक बजे के करीब क्लास लेने जा रहा था। जब मैं प्रॉक्टर ऑफिस से गुजर रहा था। इसी दौरान एक कार्तिक पांडेय नाम के लड़के ने हमारे ऊपर जानलेवा हमला किया और जातिगत गालियां दीं। उस वक्त हमारे साथ गार्ड भी मौजूद थे। बाद में दोनों गार्ड ने हमला करने वाले छात्र को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
साथ ही दोपहर में प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि कुल मिलाकर ये उसी घटनाक्रम की पुनरावृति है। इस बात की आशंका हमने पहले ही जाहिर की थी। प्रोफेसर रविकांत ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पर विद्यालय प्रशासन बिलकुल गंभीर नहीं है और ना ही पुलिस प्रशासन गंभीर है, जिसका नतीजा है कि ये दोबारा हमारे साथ घटना हुई। उन्होंने कहा कि मेरी एफआइआर अभी तक दर्ज नहीं की गई है। उलटे हमारे ऊपर ही एफआइआर दर्ज कर दी गई है।
वहीं रात में हसनगंज इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रोफेसर रविकांत की तहरीर पर आरोपित छात्र के खिलाफ आइपीसी की धारा 323, 504, 506 व 352 और एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक दस मई को एक यूट्यूब चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर बहस हो रही थी। इस बहस में लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन भी शामिल थे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत पट्टाभि सीतारमैया की पुस्तक “पंख और पत्थर” का हवाला देते हुए कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को इसलिए ध्वस्त कर दिया क्योंकि, कथित तौर पर वहां व्यभिचार हुआ था।