आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता से जुड़ी याचिका में शुक्रवार को नया मोड़ आया। याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने लखनऊ हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। इसमें लंदन, वियतनाम और उज्बेकिस्तान से मिले नए वीडियो और दस्तावेज पेश किए गए हैं। 14 मई को हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में केंद्र सरकार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद गृह मंत्रालय के विदेशी नागरिकता अनुभाग ने ब्रिटेन सरकार को पत्र भेजकर राहुल गांधी की नागरिकता और पासपोर्ट संबंधित जानकारी मांगी थी। ब्रिटिश सरकार का जवाब यूके सरकार ने पुष्टि की है कि संबंधित जानकारी भारतीय दूतावास के जरिए भारत सरकार को भेज दी गई है। यह जानकारी याचिकाकर्ता को भी सूचित की गई है। इस पूरे मामले की जांच अब सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच-II, मुख्यालय नई दिल्ली कर रहा है। राहुल गांधी पर विदेशी नागरिकता से जुड़ी संवैधानिक शपथ उल्लंघन और चुनावी घोषणापत्र में कथित गड़बड़ी के आरोप हैं।
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इस केस में चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग, रिटर्निंग ऑफिसर रायबरेली और लोकसभा अध्यक्ष को भी पक्षकार बनाया गया है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया था।
…कोर्ट में भी प्रस्तुत करें
कोर्ट ने कहा था राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को मिलती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें। ये भी कहा था कि फिलहाल इस याचिका की सुनवाई पूरी की जा रही है। याचिकाकर्ता को ये स्वतंत्रता है कि वह नागरिकता से संबंधित किसी भी अन्य फोरम या कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है। इसके बाद याचिकाकर्ता विग्नेश ने रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी।
दस दिन में स्पष्ट कीजिए
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था- देरी नहीं चलेगी 21 अप्रैल, 2025 को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की थी। लेकिन, कोर्ट ने उसे अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की थी। कहा था ये मामला राष्ट्रीय महत्व का है, देरी नहीं चलेगी। कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं? दस दिन में स्पष्ट कीजिए। हैरानी की बात यह रही कि राहुल गांधी की ओर से कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ था।
राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर…
याचिका में राहुल को ब्रिटिश नागरिक बताया गया था
कर्नाटक के रहने वाले विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर कर दावा किया है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग के दिशा- निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि दोहरी नागरिकता रखने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है।
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विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी। इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट ने 24 मार्च को इस केस की सुनवाई की थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।




















