आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नवाबों के शहर लखनऊ के मशहूर बाजपेयी कचौड़ी भंडार पर शुक्रवार को जीएसटी विभाग की टीम ने छापा मारा। अचानक जीएसटी की छापेमारी से इलाके में हड़कंप मच गया। इस कार्रवाई में अधिकारियों ने पिछले पांच साल का लेन-देन खंगाला। प्रारंभिक जांच में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। जिसमें जितने की बिक्री हुई, उसका पूरा जीएसटी भुगतान नहीं किया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक आज अपरान्ह करीब साढ़े 12 बजे जीएसटी की टीम बाजपेयी की शाॅप पर पहुंची और जांच शुरू की। टीम ने दुकान की स्वाइप मशीनों और रजिस्टर को जब्त कर लिया। अधिकारियों ने रोजाना की बिक्री, लेन-देन और टैक्स संबंधी दस्तावेजों का गहन परीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि असल लेन-देन और जमा किए गए टैक्स में असमानता पाई गई है। छापेमारी के दौरान दुकान के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया, हालांकि कचौड़ी की बिक्री जारी रही।
वहीं दुकान मालिक से पूछताछ के बाद उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं। अब तक की जांच में इनकम टैक्स और जीएसटी रिपोर्ट्स में गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं। इस संबंध में विभाग ने बताया कि वास्तविक लेन-देन की तुलना में टैक्स कम भरा गया है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद टैक्स चोरी का सही आंकड़ा सामने आएगा।
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दूसरी ओर वाजपेई कचौड़ी भंडार के मालिक घनश्याम बाजपेई ने बताया कि उन्होंने तीन लाख रुपए का एडवांस जीएसटी जमा किया है। किसी ने कंप्लेंट की थी। उन्होंने अपने कार्य को किया और जो भी हम लोगों से बात पूछताछ की उसको बताने की कोशिश की। हम लोग जीएसटी भरते हैं और कोशिश करते कि एक नंबर एक का काम करें। जीएसटी विभाग ने जो पाया है वह लिखा है। हम लोगों को उसकी प्रति दी है। आगे जो होगा उसका उचित जवाब भी देंगे हमारे पास जो कुछ था सब दिखाया है, जो उन्होंने कहा उसको पूरा करने का प्रयास किया।
ये पहली बार नहीं है जब बाजपेयी कचौड़ी भंडार विवादों में आया हो। 2016 में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने दुकान पर जुर्माना लगाया था। उस समय लाइसेंस की कमी के कारण कार्रवाई की गई थी।