आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में वर्तमान में कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। सोमवार को कोरोना के एक हजार नए संक्रमित मिलने के बाद लखनऊ में कुल मरीजों का आंकड़ा 40 हजार के पार जा पहुंचा है, जबकि बीते 24 घंटों में आठ लोगों की कोरोना से जान जाने के चलते मरने वालों की कुल संख्या भी बढ़कर 524 हो गयी है।
लखनऊ के लिए चिंता की बात यह भी है कि यूपी में अकेला लखनऊ ही ऐसा शहर है जहां आधा सितंबर बीत जाने के बाद भी सक्रिय मरीजों की संख्या करीब दस हजार है। यूपी के हालात कितने खराब है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सक्रिय मरीजों की संख्या के मामले में यूपी में दूसरे नंबर पर रहने वाले कानपुर नगर में लखनऊ से आधे से भी कम चार हजार पांच सौ 71 ही सक्रिय मरीज हैं।
यहां यह भी बताते चलें कि यूपी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोमवार को लखनऊ में कोरोना के कुल नौ सौ 92 नए मरीजों व आठ कोविड पॉजिटिव के मौत की पुष्टि हुई है। इस नए आंकड़े के साथ ही लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 40 हजार एक सौ 72 तक पहुंच गयी है, हालांकि इनमें से 29 हजार नौ सौ 72 मरीज ठीक हो चुके हैं। साथ ही 524 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई है। वर्तमान में लखनऊ में कोरोना के कुल नौ छह सौ 76 सक्रिय मरीज हैं, जिनका संभावित उपचार व देखभाल की जा रही है।
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वहीं लखनऊ में बढ़ते कोरोना के कहर को देखते हुए सोमवार को यूपी के विधायी एवं न्याय, ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री ब्रजेश पाठक ने डीएम व सीएमओ के अलावा एसजीपीजीआइ और लोहिया के निदेशक व केजीएमयू के वीसी के संयुक्त रुप से बैठक करते हुए खास निर्देश दिए हैं।
कोरोना मरीज की सूचना मिलते ही कराया जाय भर्ती
विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि लखनऊ में कोविड कंट्रोल रूम को और सशक्त बनाया जाय जिससे किसी भी कोरोना मरीज की सूचना मिलते ही उसको तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाय। उन्होंने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को आवश्यक औषधियों को अपने कर्मचारियों के द्वारा/स्वयंसेवी संस्था एवं क्षेत्रीय पार्षद के माध्यम से तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये हैं।
संक्रमितों के परिजनों एवं संपर्क में आये लोगों का 24 घंटे में लिया जाय सैंपल
विधायी एवं न्याय मंत्री आज ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमितों के परिजनों एवं उनके संपर्क में आये लोगों को 24 घंटे के अन्दर निश्चित रूप से सैंपल लिया जाय तथा उन पर निगरानी रखी जाय। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज अपने घर के बाहर टहलते-घूमते न पाये जाएं तथा घर में ही आइसोलेशन नियम का पालन कराना सुनिश्चित कराएं, जिससे उनके परिजन तथा मोहल्लेवाले संक्रमित होने से बच सकें।
ट्रेसिंग, ट्रैकिंग व टेस्टिंग पर दें खास ध्यान
ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना की ट्रेसिंग, ट्रैकिंग व टेस्टिंग पर खास ध्यान दें। एंबुलेंस सुविधा को और बेहतर बनाए साथ ही जांच में प्रयोग होने वाली सामग्री बीटीएम, एन्टीजेन्ट कार्ड तथा कन्फर्मेट्री ट्रूनेट कार्ड को पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाय।
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इसके अलावा नॉन कोविड अस्पतालों को कोविड पॉजीटिव मरीज की सूचना प्राप्ति के एक घंटे के अंदर कोविड अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दें। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नर्सिंग/पैरा मेडिकल छात्रों की भी सेवाएं लें, जिससे कि मैनपॉवर को और प्रभावी बनाया जा सके।
कोविड अस्पतालों का नियमित रूप से करें निरीक्षण
ब्रजेश पाठक ने डीएम व सीएमओ को खास तौर पर निर्देश देते हुए कहा कि अधीन अधिकारी कोविड अस्पतालों का प्रतिदिन नियमित रूप से निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी दशा में कोविड अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी कमांड सेंटर को गलत सूचना न दें।
अस्पताल, मॉल, मंडियों तथा बड़े बाजारों…
साथ ही लोग बिना मास्क लगाये सड़कों व बाजारों में न निकलें इसके लिए उनको जागरूक किया जाय। सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाय। अस्पताल, मॉल, मंडियों तथा बड़े बाजारों में एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतते हुए निरंतर सफाई एवं सेनेटाइजेशन का काम भी कराया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, एसजीपीजीआइ के निदेशक डॉ. आरके धीमान, केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी, आरएमएल की निदेशक डॉ. नुजहत हुसैन, नगर आयुक्त अजय द्विवेदी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी सिंह मौजूद रहें।