आरयू ब्यूरो,लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया कुमार पर मंगलवार को कुछ लोगों ने मिलकर तरल पदार्थ फेंका, हांलाकि कांग्रेस नेता इसे एसिड अटैक बता रहे हैं। इससे कन्हैया तो बाल-बाल बच गए, लेकिन दो कार्यकर्ताओं पर केमिकल पड़ गया। पुलिस ने दोनों को सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका उपचार किया गया।
कन्हैया कुमार पर उस वक्त एसिड फेंका गया जब वह लखनऊ सेंट्रल सीट के कांग्रेस उम्मीदवार सदफ जफर के नॉमिनेशन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। दरअसल कन्हैया कुमार कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं।
इस संबंध में कांग्रेस नेताओं का दावा है कि फेंकी गई स्याही नहीं, बल्कि एक तरह की एसिड है, हालांकि गनीमत यह रही कि एसिड कन्हैया कुमार पर नहीं पड़ी, लेकिन वहां मौजूद कांग्रेसी कार्यकर्ता सोजब हुसैन और सफदर अब्बास पर पड़ा। एसिड फेंकने वाले को कांग्रेसियों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई भी की है। घटना के बाद काफी देर तक कांग्रेस मुख्यालय में हंगामा होता रहा
एडीसीपी सेंट्रल राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि तरल पदार्थ फेंकने वाले देवांश बाजपेयी को पकड़ लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
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बता दें कि कन्हैया कुमार जिस कांग्रेस प्रत्याशी सदफ जफर के प्रचार के लिए पहुंचे थे वह एक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट हैं। लखनऊ सेंट्रल सीट से सदफ जफर चुनावी मैदान में हैं। सदफ जफर उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। वह पेशे से टीचर और एक्ट्रेस रह चुकी हैं। मौजूदा वक्त में वह एक सोशल एक्टिविस्ट की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस से जुड़ी रही हैं।
भाजपा की हरकत अंग्रेजों वाली, तो कांग्रेस निभाएगी क्रांतिकारी की भूमिका
वहीं आज कांग्रेस मुख्यालय पर भर्ती विधान को लेकर युवा संसद कार्यक्रम में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लखनऊ की सभ्यता और तहजीब देश-विदेश में जानी-पहचानी जाती है। पीएम पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संसद का मतलब सिर्फ मन की बात नहीं हो, सबकी बात हो। उन्होंने कहा अगर भाजपा की हरकत अंग्रेजों वाली होगी तो कांग्रेस क्रांतिकारी की भूमिका निभाएगी।
कन्हैया ने आगे कहा कांग्रेस द्वारा आयोजित इस युवा संसद में मोनोलॉग नहीं डायलॉग होता है। प्रधानमंत्री जी देश के प्रधानमंत्री कम भाजपा के प्रचार मंत्री ज्यादा है, जितने दिन वह संसद में नहीं गए, उससे ज्यादा दिन विदेशों में बिताए हैं। प्रधानमंत्री संसद में कम, भाजपा की रैलियों में ज्यादा जाते हैं। आज हालत यह है कि सरकार बहस नहीं चाहती है, लेकिन मीडिया सरकार से नहीं विपक्ष से सवाल पूछती है। सरकार से सवाल पूछती है नहाते कैसे हैं, आम कैसे खाते हैं। मैं पूछता हूँ कि प्रधानमंत्री संसद से क्यों गायब रहते हैं ?