आरयू वेब टीम। श्रमिक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों व शहरों में फंसे श्रमिकों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा सरकार पर आज सवाल भी उठाएं हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आज अपने एक बयान में कहा है कि ये कैसी विडंबना है कि मजदूर बंधु इन दिनों रोजी-रोटी से वंचित तिल-तिल घुट रहे हैं। श्रमिकों के थोक वोट बटोरने वालों को इनके दुःख दर्द के प्रति कितनी संवेदना है। इनके लिए क्या सरकारी इंतजाम है?
अखिलेश ने आगे कहा कि बहुत दुःखद है कि अपने प्रदेश के श्रमिकों के साथ भाजपा सरकार गैरों जैसा व्यवहार कर रही है। मुंबई से 18 दिन पैदल चलकर महोबा पहुंचे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को महोबा प्रशासन ने उलटे मध्य प्रदेश भेज दिया। भाजपा सरकार कागजों पर ही श्रमिकों की मदद का ढोंग कर रही है।
योगी सरकार करे ट्रेन की मांग
आज सपा मुखिया ने योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि दूसरे राज्यों से लाखों श्रमिक बसों में कैसे आ पायेंगे? अच्छा होता राज्य सरकार केंद्र से ट्रेन की मांग करे, जिससे चेन्नई सहित अन्य दूर दराज के राज्यों से श्रमिकों को सकुशल लाया जाना संभव हो सकेगा।
…तो रोजगार कैसे देगी?
साथ ही अखिलेश ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी अव्यवस्था और अदूरदर्शिता का हाल यह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के पास राज्य के अंदर और बाहर के प्रदेशों में काम करने वालों की सही संख्या क्या है। अब तक लाखों श्रमिक आ चुके हैं फिर भी उतनी ही श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे हैं। जब राज्य सरकार के पास प्रवासी और राज्य के श्रमिकों का सही आंकड़ा ही नहीं है तो वह रोजगार कैसे देगी?’
यह भी पढ़ें- मजदूर दिवस पर CM योगी का श्रमिकों को संदेश, धैर्य के सामनें सृष्टि की सभी आपदाएं हुई नतमस्तक
सपा इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सपा इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है ताकि कोरोना संक्रमण काल में रोजी-रोटी के सवाल पर भी सार्थक विचार विमर्श हो सके। भाजपा का रवैया यह जताने का है कि वही सब कुछ कर रही है। इस संकट काल से उबरने में जनता की भागीदारी नहीं हो रही है, विपक्ष का सहयोग नहीं लिया जा रहा है। भाजपा सरकार को विपक्षी नेताओं एवं दोनों सदनों के प्रतिपक्ष के नेताओं की तत्काल संयुक्त बैठक आमंत्रित कर भविष्य की रणनीति तय करें जिससे कोरोना जैसी भयंकर महामारी का कारगर मुकाबला किया जा सके।
यह भी पढ़ें- प्रियंका का PM मोदी से सवाल, लॉकडाउन के दौरान क्यों जारी थी रेलवे टिकट की बुकिंग, मजदूरों को घर भेजने कि मांग भी उठाई
बधाई देने का अवसर तो नहीं है…
इस दौरान अखिलेश ने ये भी कहा कि इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण काल में आज एक अलग तरह का ही श्रमिक दिवस मना रहे हैं। देश के कई राज्यों में घरों से दूर मजदूर काम और पैसे के लिए परेशान है। भविष्य में बढ़ती बेकारी का संकट अलग भयभीत कर रहा है। इस वजह से किसी शुभकामना या बधाई देने का अवसर तो नहीं है मगर भटके हुए श्रमिक अपनों के पास घर सुरक्षित पहुंच जाएं, ये कामना तो हम कर ही सकते हैं।