‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस बार चार हजार मुस्लिम महिलाओं ने महरम बगैर किया हज

'मन की बात'

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 103वें एपिसोड के जरिए एक बार फिर देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान कार्यक्रम के माध्‍यम से अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र कर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जनता को साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार चार हजार से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने ‘महरम’ (पुरुष साथी) के बगैर हज किया। उन्होंने हज नीति में बदलाव का जिक्र किया और सऊदी अरब सरकार का आभार जताया।

पीएम मोदी ने कहा, “जुलाई का महीना यानी मॉनसून का महीना, बारिश का महीना। बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी। पहाड़ी इलाकों में भू-स्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी उतना ही जरूरी होता है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्‍यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल रभी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्‍मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं।

‘मेरी माटी मेरा देश अभियान’

वहीं प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त आजादी पर्व को लेकर ‘मेरी माटी मेरा देश अभियान’ का जिक्र किया। साथ ही देशवासियों से आवाहन किया कि पिछली बार की तरह इस बार भी हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाएं।

योग के दुनियाभर में प्रसार

इसके अलावा मोदी ने कहा कि योग के दुनियाभर में प्रसार हो रहा, “एक फ्रेंच मूल की महिला हैं शारलोट शोपा। बीते दिनों जब मैं फ्रांस गया था, तब इनसे मेरी मुलाकात हुई थी। शारलोट शोपा एक योगाभ्यासकर्ता, योगा टीचर हैं और उनकी उम्र सौ साल से भी ज्यादा है। वो सेंचुरी पार कर चुकी हैं। वो पिछले 40 साल से योग प्रैक्टिस कर रही हैं। वो अपने स्वास्थ्य और सौ साल की इस आयु का श्रेय योग को ही देती हैं। वो दुनिया में भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का एक प्रमुख चेहरा बन गई हैं।”

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पुराणों पर आधारित बना रहे आकर्षक चित्र

“मन की बात” के दौरान उन्‍होंने कहा कि एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानी कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।

अमेरिका ने लौटाईं प्राचीन कलाकृतियां

पीएम मोदी ने कहा, “कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रैज दिखा। अमेरिका ने हमें सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। भारत लौटीं ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं।”

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