आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 67वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत करगिल विजय दिवस की बधाई के साथ की। पीएम ने कहा कि करगिल का युद्ध जिन परिस्थियों में हुआ था उसे देश कभी नहीं भूल सकता। मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है।
उन्होंने कहा कि आज देश भर में लोग कारगिल विजय को याद कर रहे है। जो शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि दे रहें हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज, सभी देशवासियों की तरफ से, हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उन वीर माताओं को भी नमन करता हूं, जिन्होंने मां-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया।
मोदी ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था, वो आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है। अटल जी ने, तब देश को गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलायी थी। पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है। ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते हैं करते हैं…
साथ ही मोदी ने ये भी कहा कि युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते हैं करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए। हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े। कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं। कभी-कभी जिज्ञासा वश फार्वड करते रहते हैं। पता है गलत है ये-करते रहते हैं।
अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना से मृत्यु-दर काफी कम
कोरोना संकट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे देश में रिकव्री रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है। साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है। साथ ही मोदी ने अपील की कि जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है, तो पल-भर के लिए उन डॉक्टर्स का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है, तो दूसरी ओर, कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है।
बिहार असम में बाढ़ की इस आपदा
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बिहार और असम में, इस बाढ़ आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है। उन्होंने लोक मान्य तिलक को याद करते हुए कहा कि एक अगस्त 2020 को लोकमान्य तिलक जी की 100वीं पुण्यतिथि है। लोकमान्य तिलक जी का जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। हम सभी को बहुत कुछ सिखाता है।” हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है, वो, कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने, राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं ‘लोकमान्य तिलक।
आ रहा है रक्षाबंधन का पर्व
वहीं रक्षाबंधन की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है। मैं, इन दिनों देख रहा हूं कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं। कई लोग इसे वोकल फॉर लोकल से भी जोड़ रहे हैं, और, बात भी सही है।”
लोकल कारीगरों और बुनकरों को होगा लाभ
साथ ही मोदी ने कहा कि भारत का हैंडलूम और हैंडक्राफ्ट कितना रिच है, इसमें कितनी विविधता है, ये दुनिया जितना ज्यादा जानेगी, उतना ही, हमारे लोकल कारीगरों और बुनकरों को लाभ होगा।” उन्होंने कहा कि गांवों से, छोटे शहरों से, सामान्य परिवार से हमारे युवा आगे आ रहे हैं। सफलता के नए शिखर चूम रहे हैं।” ये लोग संकटों के बीच भी नए-नए सपने संजोते हुए आगे बढ़ रहे हैं।”