कारगिल विजय दिवस: शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रक्षामंत्री ने कहा, जिन जवानों की बदौलत हमने युद्ध जीता, वो हमेशा रहेंगे प्रेरणा स्‍त्रोत

कारगिल विजय दिवस
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते रक्षामंत्री।

आरयू वेब टीम। कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं करगिल विजय दिवस के अवसर पर सभी भारतीय नागरिकों को बधाई देता हूं। जिन जवानों के बलिदान की बदौलत हमने करगिल युद्ध जीता था, वे सशस्त्र बलों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेंगे।’’

राजनाथ सिंह के अलावा रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी राष्ट्रीय समर स्मारक में अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले रक्षामंत्री ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि हाल ही में मुझे लेह-लद्दाख जाने और वहां से कारगिल के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्राप्त हुआ था। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 20 वर्ष पहले के मुकाबले मैंने लद्दाख़ में बहुत बड़ा बदलाव देखा। उन्होंने कहा इस देश को सुरक्षित रखने का कार्य अगर सीमा पर हमारे सैनिक कर रहे हैं, तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है।

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, आक्रमण के लिए नहीं। अगर दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हमने यह भी साबित कर दिया कि कारगिल की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे।

राजनाथ ने अगले ट्वीट में लिखा, ”राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन न्योछावर करने वालों के प्रति मेरी कृतज्ञता है। मैं उनके परिवारों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोने के बावजूद, हमारे क्षेत्र से दुश्मनों को बाहर निकालने के राष्ट्रीय संकल्प के समर्थन में लगातार खड़े रहे।” रक्षामंत्री ने आगे कहा, ”मैं उन लोगों का भी आभारी हूं, जो युद्ध में अक्षम होने के बावजूद, अपने तरीके से देश की सेवा करते रहे और अनुकरणीय उदाहरण पेश किए।”

मालूम हो कि भारतीय सेना ने करगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’’ सफलतापूर्वक पूरा होने और जीत की घोषणा की थी। इस युद्ध में देश के 500 से अधिक जवान शहीद हो गए थे।

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