आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पूर्व मंत्री इमरतीदेवी पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर सियासत गर्मा गई है। वहीं अब इस विवाद में मायावती ने भी इंट्री ले ली है। भड़कीं मायावती ने कमलनाथ के बयान को निंदनीय करार देते हुए कांग्रेस के आलाकमान से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने कि मांग की है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार आपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कहा कि मध्यप्रदेश में ग्वालियर की डाबरा रिजर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ रही दलित महिला के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम द्वारा की गई घोर महिला-विरोधी अभद्र टिप्पणी अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय। इसका संज्ञान लेकर कांग्रेस आलाकमान को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को इसका सबक सिखाने व आगे महिला अपमान करने से रोकने आदि के लिए भी खासकर दलित समाज के लोगों से अपील है कि वे एम.पी. में विधानसभा की सभी 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपना वोट एकतरफा तौर पर केवल बीएसपी उम्मीदवारों को ही दें तो यह बेहतर होगा।
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वहीं इसके विरोध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ऐतिहासिल मिंटो हॉल परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दो घंटे के ‘मौन उपवास’ के बाद कहा कि वे इस संबंध में श्रीमती गांधी को एक पत्र भी लिख रहे हैं और उनके पत्र के जवाब का इंतजार भी वे करेंगे। वे पूछना चाहते हैं कि क्या वे कमलनाथ को पार्टी से हटाएंगी या उनके खिलाफ कुछ और कार्रवाई करेंगी। कमलनाथ राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उनके नेतृत्व में विधानसभा उपचुनाव लड़ा जा रहा है। तो क्या उनका यह कृत्य जायज है।
यहां बताते चलें कि कमलनाथ डबरा में पार्टी प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कमलनाथ ने कहा, ”वो क्या है..मैं उसका नाम क्यों लूं.. आपको मुझे सतर्क करना चाहिए था…क्या ‘आइटम’ है। कमलनाथ के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। जिसके बाद भाजपा ने इसे एक दलित महिला सहित प्रदेश की बहन बेटियों का अपमान कह दिया।