आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गौतम बुद्ध के अनुयायियों को बधाई दी। साथ ही नसीहत देते हुए कहा कि माथा टेकना अलग बात है, लेकिन आज भी गौतम बुद्ध के सिद्धांतों पर चलकर ही जीवन को धन्य किया जा सकता है।
मायावती ने नसीहत दी कि सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव लाने के ऐसे खास अभियान में समाज के साथ-साथ सरकारों को भी अपनी नीयत को पाक साफ एवं ईमानदार बनाकर कथनी और करनी के फर्क को मिटाना पड़ेगा, जो गौतम बुद्ध को सच्ची श्रद्धांजलि होगा। बसपा मुख्यालय से सोमवार को जारी बयान में मायावती ने कहा, “माथा टेकना अलग बात है, लेकिन तथागत गौतम बुद्ध जैसे संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सिद्धांतों पर चलकर ही जनता के जीवन को सुखी बनाने के लक्ष्य की व्यापक उपयोगिता व सार्थकता है,
“इसके लिए सभी प्रकार के द्वेष और संकीर्णता से ऊपर उठकर तथागत गौतम बुद्ध के जीवन के सिद्धांतों पर चलकर देश को एक बार फिर जगद्गुरु बनाने के ईमानदार प्रयास किए जाने की जरूरत है, जिसके लिए बसपा प्रयासरत व संघर्षरत है। पार्टी इस उद्देश्य से कतई पीछे हटने वाली नहीं है।”
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मायावती ने कहा कि गौतम बुद्ध के सिद्धांतों के तहत ही बसपा की सरकार ने उत्तर प्रदेश में गरीबों और उपेक्षित लोगों के लिए ‘डॉ. आंबेडकर ग्राम सभा समग्र विकास योजना’ को बेहद प्रभावी ढंग से लागू करके गांवों को बुनियादी सुविधाओं से लैस किया था। बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि यह कार्य विरोधियों को नहीं भाया और उनके लिए इसके मायने भी नहीं हैं।
गौतम बुद्ध के नाम पर अपनी सरकार में हुए कार्यों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा सरकार द्वारा छह मई 1997 को जिला गौतमबुद्धनगर और महामाया नगर की स्थापना की गई, जबकि 25 मई 1997 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्रावस्ती जिला व चार अप्रैल 1997 को कौशांबी जिला अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि 22 मई 1997 को पडरौना का नाम बदलकर कुशीनगर किया गया।