आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन में शामिल होने की बात पर कई बार सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही इसके लिए तैयार होने की शर्त रखने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को इस बारे में मीडिया को बताते हुए न सिर्फ भाजपा सरकार पर हमला बोला है, बल्कि कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।
बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आज मायावती ने उन्हें याद करते हुए कहा कि बीएसपी दलित, आदिवासी, पिछड़ों, मुस्लिम के साथ गरीब व किसानों के सम्मान के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं कर सकती, चाहे उसके लिए उन्हें कांग्रेस व बीजेपी सरकारों की कितना ही विद्वेष व प्रताड़ना झेलनी पड़े।
मायावती ने तर्क देते हुए आगे कहा कि इसीलिए चुनावी गठबंधनों के लिए भी हमारी पार्टी ने सिर्फ सम्मानजनक सीटें मिलने की शर्त रखी। इसका मतलब साफ तौर पर यह है कि गठबंधन में बसपा सीटों के लिए ‘‘भीख” नहीं मांगेगी। ऐसा नहीं होने पर वह अकेले अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ेगी। हालांकि उन्होंने आज भी इस बात से पर्दा नहीं उठाया कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन से कितनी सीटों के मिलने को वो सम्मानजनक मानेंगी।
वहीं बसपा सुप्रीमो ने तर्क देते हुए ये जरूर कहा कि वो जानती हैं कि भाजपा और कांग्रेस बहुजन समाज व अपरकास्ट समाज के गरीबों की हितैषी नहीं है, अगर ऐसा नहीं होता तो इन वर्गों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत आज इतनी दयनीय नहीं होती।
बदनाम व कमजोर करने का प्रयास कर रही कांग्रेस व भाजपा
मायावती ने आज ये भी दावा किया कि यही कारण है कि कांग्रेस व बीजेपी उन्हें व बीएसपी को कमजोर व बदनाम करने के लिए लगातार प्रयास करती रहीं हैं। खासकर चुनावों के समय ये कुत्सित प्रयास और ज्यादा विषैला हो जाता है, जिससे काफी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए तन, मन व धन से लगें कार्यकर्ता
वहीं मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए मायावती ने कहा कि कांशीराम के सपने का भारत बनाने के लिए बीजेपी जैसी घोर जातिवादी, सांप्रदायिक व अहंकारी सरकार को बाहर करने के लिए पूरे तन, मन, धन से काम करने के लिए कार्यकर्ता लगे रहें।
यह भी पढ़ें- SC-ST विधेयक का स्वागत कर बोलीं मायावती, गरीब मुसलमानों को भी मिले आरक्षण