आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को गौतम बुद्ध के समस्त अनुयाईयों को ’’बुद्ध पूर्णिमा’’ की हार्दिक बधाई दी। साथ ही कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के इस अति-संकटकालीन दौर में करोड़ों पीड़ितों के लिए उसी दया-करुणा, दानशीलता व इंसानियत की आज हर तरफ सख्त जरूरत दिखाई पड़ती है, जिसके लिए महात्मा गौतम बुद्ध ने सबकुछ त्यागकर अपना जीवन समर्पित किया व महामानवतावादी कहलाए। आज उनकी प्रतिश्रा दोहराने का दिन है।
बुद्ध पूर्णिमा’’ के अवसर अपने बयान में मायावती ने कहा कि महामानवतावादी तथागत गौतम बुद्ध, जिन्होंने सत्य, अहिंसा, भाईचारा व मानवता की आदर्श ज्योति को पूरी दुनिया में फैलाकर भारत को विश्व में जगद्गुरु का सम्मान दिलाया, की जंयती पर खासकर जाति-भेद, हिंसा, हिंसक मनोवृति, द्वेष आदि को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा लेने व दोहराने का दिन है, क्योंकि इसी से जीवन में सच्ची सुख-शांति व देश की तरक्की निहित है।
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बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि एशिया के ’’ज्योति पुंज’’ के रूप में माने जाने वाले महात्मा गौतम बुद्ध ने भारतीय इतिहास को सत्यपरक ज्ञान से सुशोभित किया तथा उनके अनुयाईयों में सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य व महान सम्राट अशोक ने ’’बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय’’ को अपने संविधान के मूल सूत्र के रूप में स्थापित कर सामाजिक क्रान्ति की मजबूत नींव डाली। ऐसे ही महामानतावादी गौतम बुद्ध की जयंती बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। उनका अशिक्षित, उपेक्षित व शोषित वर्ग के सभी लोगों को अमर उपदेश था ’अप्प दीपो भवः’ अर्थात शिक्षित बनो, खुद ऊपर उठो व अपना प्रकाश स्वयं बनो जिसका वर्तमान में भी बहुत ही ज्यादा महत्त्व है, जिसपर अमल करके महान लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है, जिसके लिए हमारी पार्टी अपनी अलग पहचान के साथ लगातार प्रयास व संघर्षरत है।
इसके अलावा मायावती ने कहा कि वैसे भी केवल गुणगान ही नहीं बल्कि बीएसपी ने ही गौतम बुद्ध के मानवीय आदर्शों पर चलकर उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार चलाई है तथा उनके उपदेशों के आधार पर चलकर समतामूलक व्यवस्था समाज में स्थापित करने का भरसक प्रयास किया। इतना ही नहीं बल्कि उनके नाम पर अनेकों संस्थायें व कपिलवस्तु में हवाई पट्टी स्थापित करने का काम भी बसपा की सरकार में किया गया, जिस कारण विश्व स्तर पर उत्तर प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ा। गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर चलकर भारत देश को फिर से जगद्गुरु बनाने की जरूरत है।