आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कासगंज पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई युवक की मौत को लेकर यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे व विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस, सपा व आप के बाद आज इस मामले को लेकर बसपा सु्प्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा देने और पीड़ित परिवार की मदद की मांग की है।
मायावती ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति व दुखद व शर्मनाक है। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे। यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति चिंंता की बात है।
बता दें कि कासगंज में अल्ताफ नामक युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे का दावा है कि मंगलवार को एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने शौचालय जाने की बात कही, उसे हवालात के अंदर बने शौचालय जाने दिया गया, जहां उसने जैकेट के हुक में लगी डोरी को शौचालय में करीब दो फिट ऊपर लग नल में फंसाकर अपना गला घोंटने की कोशिश की।
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आरोपित के नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी शौचालय गए और वहां उन्होंने अल्ताफ को गंभीर अवस्था में पाया, तत्काल उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। वहीं मृतक के परिजन का आरोप है कि पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है। मात्र दो फिट के नल से करीब छह फुट लंबे अल्ताफ के दम घोंटने की पुलिसिया कहानी पर अधिकतर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर पुलिस के साथ ही योगी सरकार की भी काफी किरकिरी हो रही है। लोगों का कहना है अब पुलिस हिरासत में भी मुसलमानों की इस तरह से भी लिंचिग हो रही हैै।