आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ वर्षीय बच्ची की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के मामले में बच्ची की पहचान जाहिर करने पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने कई मीडिया हाउसों को नोटिस जारी किया है। साथ ही यह आदेश भी दिया कि आगे से किसी खबर में बच्ची की पहचान जाहिर नहीं की जानी चाहिए।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आयी खबरों का स्वतह संज्ञान लेते हुए मीडिया हाउसों से जवाब मांगा है कि इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
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बता दें कि कश्मीर के बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यह बच्ची अपने घर के पास से 10 जनवरी को लापता हो गयी थी। एक सप्ताह बाद उसका शव उसी इलाके से मिला। मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में इसी सप्ताह सात आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपपत्र तथा एक किशोर के खिलाफ पृथक आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में रूह कंपा देने वाला घटनाक्रम बताया गया है। उसमें बताया गया है कि कैसे बच्ची का अपहरण कर उसे नशा दिया गया और हत्या करने से पहले एक धार्मिक स्थल पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
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