आरयू ब्यूरो,
नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के रामनाथ कोविंद का नाम घोषणा करने के बाद आज यूपीए ने भी विपक्ष के राजनीतिक पार्टियों की बैठक बुलाकर राष्ट्रपति पद के लिए साझा उम्मीदवार की घोषणा कर दी। दिल्ली में यूपीए की ओर से बुलाई गई 17 दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीरा कुमार को विपक्ष की साझा उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है।
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बता दें कि कल नीतीश कुमार द्वारा एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन आज विपक्षी दलों की बैठक में साझा उम्मीदवार उतारने के मुद्दे पर सहमति बनते ही विपक्ष ने भी अपनी स्थिति साफ कर दी।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया को बताया कि 17 विपक्षी दलों ने निर्विरोध मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। बता दें कि भाजपा ने बिहार के राज्यपाल व दलित वर्ग के चेहरा रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार घोषित कर जो दलित कार्ड खेला था, उसके बाद कांग्रेस ने भी मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाकर जवाब दिया।
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बता दें कि मीरा कुमार देश के जाने-माने दलित नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं और पांच बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा से की थी। वहीं राजनीतिक जीवन की शुरुआत मीरा कुमार ने 1985 में बिजनौर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान और मायावती जैसे दलित नेताओं को हराकर की थी। मीरा कुमार मनमोहन सिंह सरकार में समाज कल्याण और जल संसाधन मंत्री थीं। इसके अलावा मीरा कुमार लोकसभा की अध्यक्ष भी रह चुकी है।
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राष्ट्रपति पद के लिए दोनों उम्मीदवारों के दलित वर्ग से होने के चलते मुकाबला दिलचस्प हो चला है। मीरा कुमार को अगर सफलता नहीं भी मिलती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए इस बहाने विपक्ष को एक करने की सहायता जरूर मिलती नजर आ रही है।