आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी कानून-व्यवस्था सुधार को लेकर हो रहे अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का सिलसिला जरी है। इसी क्रम में बीती रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ जिलों के जिलाधिकारियों को हटा कर सात को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया है। साथ ही जिलों के नए डीएम को तत्काल जिलों में जाकर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया है।
मेरठ, इटावा, सीतापुर, ललितपुर, सुल्तानपुर, गाजीपुर, मऊ, संतकबीरनगर के जिलाधिकारी को बदल दिया गया है। जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण में आइएएस के पद पर प्रमोट होने के बाद भी लंबे समय तक सचिव के पद पर तैनात रहे मंगला प्रसाद सिंह को गाजीपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं बालाजी को मेरठ, श्रुति सिंह को इटावा, विशाल भारद्वाज को सीतापुर, ए दिनेश कुमार को ललितपुर, रवीश गुप्ता को सुलतानपुर, राजेश पांडेय को मऊ, दिव्या मित्तल को संतकबीर नगर का जिलाधिकारी बनाया गया है। इन तबादलों में रवीश गुप्ता अकेले ऐसे अफसर हैं, जिन्हें दूसरे जिले की कमान मिली है।
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वहीं हटाए गए डीएम के बारे बताया जा रहा है कि सुल्तानपुर व गाजीपुर के डीएम समेत सभी को कामकाज ठीक न होने के कारण हटाया गया है। सुल्तानपुर में आक्सीमीटर खरीद घोटाले ने बड़ा रुप धारण कर लिया है और इस विवाद ने सुल्तानपुर डीएम का काम तमाम कर दिया। मेरठ के डीएम अनिल ढीगड़ा, इटावा के जितेंद्र बहादुर सिंह, सीतापुर के अखिलेश तिवारी, ललितपुर के योगेश कुमार शुक्ला, सुलतानपुर की डीएम सी इंदुमती और मऊ के ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।