आरयू वेब टीम। विवादित मोबाइल एप्प का कड़े विरोध और आलोचना के बाद आखिरकार मोदी सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के विरोध पर केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन में साइबर सुरक्षा ऐप ‘संचार साथी’ को पहले से अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने के आदेश को वापस ले लिया है। दूरसंचार विभाग ने बुधवार को कहा कि वे संचार साथी ऐप को ‘इंस्टॉल’ करने के अनिवार्य आदेश को हटा रहा है। इसका कारण ये है कि सिर्फ एक दिन में स्वैच्छिक रूप से इस ऐप के डाउनलोड में दस गुना वृद्धि हुई है।
दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ऐप इंस्टॉल करने का आदेश इस प्रक्रिया को तेज करने और कम जागरूक नागरिकों तक ऐप को आसानी से पहुंचाने के लिए दिया गया था।’’ बयान के अनुसार, ‘‘सिर्फ पिछले एक दिन में, छह लाख नागरिकों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए पंजीकरण कराया है। यह इसके उपयोग में दस गुना वृद्धि है। संचार साथी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने मोबाइल विनिर्माताओं के लिए इसे पहले से ‘इंस्टॉल’ करना अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया है।’’
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गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग ने 28 नवंबर के आदेश में, स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर को सभी नए मोबाइल फोन में ऐप को पहले से लगाने और पुराने मोबाइल फोन में इसे इंस्टॉल करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी नेताओं ने इससे जासूसी की चिंता जताई। उनका कहना है कि यह ऐप कॉल सुन सकता है और संदेशों की निगरानी कर सकता है।



















