आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शनिवर को प्रतापगढ़ की एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मायावती के प्रति नरमी दिखाने और सपा व कांग्रेस के मिलकर उन्हें धोखे में रखने की बात कहे जाने पर रविवार को बसपा सुप्रीमो ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सूबे की पूर्व सीएम ने आज मीडिया से कहा कि मोदी ने कल प्रतापगढ़ की अपनी चुनावी जनसभा में फूट डालो व राज करो की नीति के तहत सपा व बसपा गठबंधन के लोगों में भ्रम पैदा करने की घिनौनी हरकत की है।
मायावती ने आगे कहा कि यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर जब से बसपा, सपा व आरएलडी का गठबंधन हुआ है, तब से बीजेपी व खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभूतपूर्व संकट में हैं। बसपा सुप्रीमो ने तंज कसते हुए आगे कहा कि उन्हें इस गठबंधन से पेट में जो दर्द हो रहा है उसका इलाज उन्हें न सिर्फ अभी बल्कि भविष्य में भी कोई समाधान उन्हें नहीं मिलने वाला है। इसके अलावा प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार ने गठबंधन को तोड़ने और कमजोर करने का लगातार प्रयास किया, इसके लिए तमाम हथकंडें और सरकारी मशीनरी का भी गलत इस्तेमाल किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर अब फूट डालों और राज करों की नीति अपनाई जा रही है।
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वहीं भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा 23 मई तक गठबंधन के रहने के बयान पर मायावती ने आज स्थिति साफ करते हुए पत्रकारों से कहा कि ये गठबंधन भविष्य में भी जारी रहेगा जो आगे चलकर यूपी से योगी की संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक व अहंकारी सरकार को उखाड़ फेंकेगा।
तीनों पार्टियां देती रहेंगी कुर्बानी
बसपा सुप्रीमो इतने पर ही नहीं रूकी उन्होंने आगे कहा कि मोदी यह भूल गये कि हमारा गठबंधन जनहित व देशहित को देखते हुए बीजेपी की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए ही बना है और इसके लिए गठबंधन की तीनों पार्टियां ही यहां हर प्रकार की कुर्बानी देती रही हैं और आगे भी देती रहेंगी।
अगले प्रधानमंत्री को लेकर सामने आ रही पीएम मोदी व भाजपा नेताओं की बयानबाजी को लेकर मायावती ने कहा कि केंद्र में अगली सरकार व अगले प्रधानमंत्री की परवाह मोदी एण्ड कंपनी ना करें तो बेहतर होगा। अब अगली सरकार जनहित व देशहित को मजबूत बनाने वाली सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की ही जरूर बनेगी।
बीजेपी व आरएसएस को कमजोर करने के लिए अमेठी व रायबरेली सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ा
वहीं मायावती ने आज रायबरेली और अमेठी सीट पर कांग्रेस को बसपा का वोट दिलवाने की बात करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि बसपा आज भी कांग्रेस व बीजेपी को एक ही थाली के चट्टे-बट्टे मानकर चलती है, इसके बावजूद हमने देश व जनहित में बीजेपी व आरएसएस जैसी ताकतों को कमजोर करने के लिए अमेठी व रायबरेली लोकसभा सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया था, ताकि इस पार्टी के दोनों सर्वोच्च नेता (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) इन सीटों से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। यदि ये अकेले ही यह चुनाव लड़ते हैं और इसका फायदा बीजेपी उत्तर प्रदेश के बाहर ज्यादा ना उठा ले, इसे खास ध्यान में रखकर ही गठबंधन ने दोनों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी।
कांग्रेस को ही जाने वाला है गठबंधन का एक-एक वोट
मायावती ने दूसरी ओर आज कांग्रेस का समर्थन करते हुए आगे कहा कि गठबंधन का एक-एक वोट इस बार अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस को ही जाने वाला है, इसमें भी कोई दो राय नहीं है। साथ ही बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हमारी पार्टी का साइलेंट वोट है जो अपनी नेता का इशारा समझकर अपना एक-एक वोट उस पार्टी के ही उम्मीद्वार को देता है, जिसको उनकी नेता दिलवाना चाहती हैं और यह सब किसी से छिपा नहीं है।