आरयू वेब टीम। बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान मुख्तार अंसारी पर मोहाली में दर्ज मामले में पेश की गई चार्जशीट की कापियां दी गई। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। बाहुबली विधायक व्हील चेयर पर कोर्ट में लाए गए। कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया विधायक बेसुध दिखा। यहां सुनवाई के बाद मुख्तार को रोपड़ जेल वापस भेज दिया गया है।
यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के मुकदमे और उनकी कस्टडी ट्रांसफर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि मुख्तार को दो हफ्ते के अंदर यूपी की जेल में शिफ्ट करना होगा। पंजाब सरकार की दलीलों से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ था।
इससे पहले पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल में बंद बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया था। 14 आपराधिक मुकदमों के लिए यूपी सरकार को अंसारी की कस्टडी की दरकार है। जनवरी 2019 से अंसारी पंजाब की जेल में है, जहां उसे जबरन वसूली मामले में नामजद किया गया था।
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यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मुख्तार की अनुपस्थिति के कारण यूपी में मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही। यूपी सरकार की याचिका पर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर अंसारी को यूपी सरकार की हिरासत में देने से इनकार किया था। पंजाब सरकार ने इसका कारण बसपा विधायक के स्वास्थ्य को बताया था। जेल अधीक्षक के माध्यम से दायर हल्फमामे में कहा गया था कि अंसारी कथित तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद, पीठ दर्द और त्वचा की एलर्जी से पीड़ित है।
यूपी सरकार की रिट याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पंजाब-सरकार ने कहा था कि वह चिकित्सकों की राय के अनुसार काम कर रही। अंसारी को यूपी से दूर रखने के लिए कोई पूर्वकल्पित साजिश नहीं थी। हलफनामे में कहा गया था कि यूपी की रिट याचिका विचार करने योग्य नहीं है, क्योंकि पंजाब में विधायक को हिरासत में रखे जाने को यूपी अपने मौलिक अधिकार के उल्लंघन का दावा नहीं कर सकती।
यूपी सरकार की याचिका में कहा था कि राज्य में अंसारी के खिलाफ गंभीर मुकदमे लंबित हैं, लेकिन बावजूद इसके अंसारी एक छोटे अपराध के मामले में दो वर्ष से पंजाब की जेल में है।