मोहन भागवत ने गलत मंशा से गांधी जी का नाम हिन्दुत्व से जोड़ने का किया प्रयास, जनता रहे सावधान: सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी

महात्मा गांधी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा महात्मा गांधी को हिन्‍दुत्‍व से जोड़कर दिए गए बयान पर शनिवार को राष्ट्रीय लोकदल ने निशाना साधाा है। रालोद के प्रदेश प्रवक्‍ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि एक बार फिर मोहन भागवत ने गांधी जी का नाम गलत मंशा के साथ हिन्दुत्व से जोड़ने का प्रयास किया है, जो निंदनीय है।

रालोद प्रवक्‍ता ने कहा कि संघ प्रमुख का यह कहना असत्य है कि गांधी जी की देशभक्ति धर्म से निकलती थी, जबकि वास्तव में गांधी जी का धर्म मानव धर्म था और गांधी जी सत्य और अहिंसा के साथ मानवता के सच्चे पुजारी थे और उनका धर्म मानव समाज की सेवा से निकलता है। उनकी दृष्टि में किसी जाति विशेष या धर्म विशेष का कोई महत्व नहीं था वह इन सबके घोर विरोधी थे।

साथ ही मोहन भागवत को निशाने पर लेते हुए सुरेंद्रनाथ ने ये भी कहा कि संघ के माध्यम से एक बार फिर साम्प्रदायिक भावना भड़काने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का अनुचित प्रयोग किया जा रहा। संघ में जहां नाथूराम गोडसे की पूजा की जाती है और उनका मंदिर बनाने की बात की जाती है वहीं गांधी जी के दर्शन और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाकर करोड़ों गांधीवादी लोगो को आघात पहुंचाया जाता है।

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उन्होंने कहा कि शहीद कैप्टन वीर अब्दुल हमीद, अशफाक उल्ला खान, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सर सैययद अहमद खां जैसे लोगो की राष्ट्रभक्ति और त्याग तथा बलिदान को कोई भी भारतवासी कैसे भुला सकता है अतः संघ प्रमुख का यह कहना कि हिन्दू होना ही राष्ट्रभक्ति का प्रमाण है, स्वयं में हास्यास्पद एवं साम्प्रदायिक साजिश की कूट रचना करने वाला बयान है।

रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने ये भी कहा कि भारत को स्वतंत्रता दिलाने में सभी वर्गों का महत्व है, इस बात के बहुत से प्रमाण है कि स्वतंत्रता संग्राम के समय बहुत से हिन्दुओं ने अंंग्रेजों के साथ सहयोग भी किया था और उनसे माफी भी मांगी थी जो राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि देशवासियों को संघ की इस प्रकार की साम्प्रदायिक साजिश से सचेत रहने की आवश्यकता है ताकि भारत की एकता और अखण्डता को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे।

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