आरयू संवाददाता, लखनऊ। मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र में स्थित मोहनलालगंज कस्बे में बुधवार को एक बड़ी घटना हो गयी। यहां अवैध रूप से चल रहे पटाखे के एक गोदाम में ब्लॉस्ट होने के चलते नौ लोग मलबे और आग की चपेट में आने से घायल हो गए हैं। जिनमें से तीन की हालत अस्पताल में गंभीर बताई जा रही है। वहीं घमाके से गोदाम के साथ ही आसपास के मकान भी जहां क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं गोदाम में आग लग गयी। जिसे काफी मशक्कत के बाद बुझाया गया।
बताया जा रहा है कि मोहनलालगंज बस अड्डे के पीछे हसीना का घर है, जहां कई सालों से अवैध रूप से पटाखा बनाने और भण्डारण का काम चल रहा था। स्थानीय लोगों के अनुसार पुलिस से शिकायत करने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगायी गयी। आज दोपहर एकाएक विस्फोट हो गया। जिसके चलते गोदाम की छत उड़ गयी। धमाके की तेज आवाज से दहशत में आए लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही एक के बाद कर कई और घमाके से इलाका थर्रा उठा।
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घमाके इतने तेज थेे कि पड़ोसी रिजवान समेत अन्य दो लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। बगल में स्थित विद्यालय की खिड़की का कांच टूटने के चलते एक छात्रा भी घायल हो गयी। जबकि घमाके की वजह से हसीना के मकान में आग लग गयी। घटना की जानकारी लगने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से आग को बुझाने के बाद कड़ी मश्क्कत कर मलबे से निकालकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां एक महिला समेत तीन लोगों की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है।
वहीं अग्निशमन विभाग की गाड़ी भी मौके पर पहुंची। इसके अलावा घटना के बाद डॉग स्क्वॉड, एटीएस, फिंगर प्रिंट दस्ता, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंचा और जांच में जुट गया। वहीं बहादुरी की मिसाल कायम कर एसआइ हनुमान दत्त शुक्ला,कांस्टेबल अजय शुक्ला व अभिषेक द्विवेदी ने आग से घायलों को बाहर निकाला।
ये लोग हुए घायल
हादसे में हसीना का बेटा शकील (40), शकील की पत्नी मारूफा (35), पड़ोसी सुल्तान की बीवी तबस्सुम उसका दो साल का बेटा अम्मार व भांजे अरमान (15) के अलावा गुड्डू व शबनम घायल हो गए। इसके अलावा घायलों की सहायता करने के दौरान रिजवान और सुल्तान नामक दो सगे भाई भी चोटिल हो गए।
पुलिस डालने में लगी रही अपनी करतूत पर पर्दा
वहीं हादसे के बाद जहां स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति रोष व्याप्त था। वहीं मोहनलालगंज पुलिस अपनी करतूत पर पर्दा डालने में लगी रही। हादसे के काफी देर बाद भी पुलिस घमाके की वजह सिलेंडर ब्लॉस्ट बताते में जुटी रही। जबकि मौके पर जगह-जगह बिखरे आतिशबाजी के अवशेष और गंध साफ तौर पर असलियत बयान कर रहे थे। स्थानीय लोगों का आरोप था कि पुलिस आतिशबाजी के गोदाम और उसे अवैध रूप से बनाने के खतरनाक घंघे के बारे में बखूबी जानती थी, लेकिन अपनी कमाई के चक्कर में मोहनलालगंज पुलिस आंखें मूंदे रहीं। जिसके चलते आज एक बड़ा हादसा हो गया।