आरयू वेब टीम। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने लोकसभा को लिखित जवाब देकर सूचित किया कि उनके पास आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है। जिसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर किसानों की मृत्यु हुई क्या इसकी जानकारी सरकार को नहीं है ? यह किसानों का अपमान है। 700 लोगों का अगर सरकार के पास आंकड़ा नहीं है तो सरकार ने कोरोना से मृत लोगों का आंकड़ा कहां से लिया।
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर सरकार के पास 700 लोगों का आंकड़ा नहीं है तो महामारी के दौरान मृत लोगों का आंकड़ा कहां से लिया। सरकार जनगणना के आधार पर गिनती करे और मृत किसानों को मुआवजा दें। वहीं दूसरी तरफ दोआबा किसान कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान ने कहा कि अगर सरकार के पास आंकड़ा नहीं है तो हम उन्हें मुआवजे के लिए किसानों की मौत का आंकड़ा देंगे।
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इसके अलावा कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि तोमर साहब, नाकामी छुपाने के लिए इतना बड़ा झूठ! सच्चाई- 2020 में 10677 किसानों ने आत्महत्या की। 4090 किसान वो जिनके खुद के खेत हैं, 639 किसान जो ठेके पर ज़मीन ले खेती करते थे, 5097 वो किसान जो दूसरों के खेतों में काम करते थे। पिछले 7 सालों में 78303 किसान आत्महत्या कर चुके।