जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों से मिल प्रियंका गांधी ने जताई संवेदना, कहा कांग्रेस अदा करेगी कर्ज

कांग्रेस अदा करेगी कर्ज
मृतक के परिजनों को सांत्वना देतीं प्रियंका गांधी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। ललितपुर में खाद के लिए परेशान किसान की मौत के बाद शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ललितपुर के पाली गांव पहुंच कर पीड़ित किसान के परिवारों से मिलीं और उनका दुख साझा किया। इस दौरान प्रियंका ने आश्‍वस्‍त करते हुए कहा कि मृतक किसान परिवार के कर्ज को कांग्रेस पार्टी अदा करेगी। साथ ही न्‍याय दिलाने का भरोसा दिलाया।

वहीं प्रियंका ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये समस्या नई नहीं है, चार किसानों की मौत के बावजूद पूरे बुंदेलखण्ड में यही हो रहा है। सरकार की क्रूरता चरम पर है। इससे पहले लखीमपुर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया था, और वह मंत्री अभी भी पद पर है। मंत्री के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है। बुंदेलखण्ड के किसानों की स्थिति चिंताजनक है। वहां के किसान अपने परिवार को पालने के लिए संघर्ष कर रहें हैं, उनकी समस्या सुनकर दिल दहल जा रहा है।

भाजपा सरकार की कुनीतियों से किसान कर्ज में डूबता जा रहा हैं। खाद नहीं मिल पा रही है, बिजली नहीं आ रही है और बिल भरने पड़ रहें है। सरकार व अधिकारियों के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी की जा रही है जिससे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए।

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इस दौरान प्रियंका ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी गेहूं व धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति कुन्तल और गन्ना 400 रूपये प्रति कुन्तल की दर से खरीद की जायेगी, किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जायेगा। प्रियंका लौटते समय दतिया में मॉ पीताम्बरा शक्ति पीठ में माता के दरबार में माथा टेका और पूजा अर्चना की, उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की।

गौरतलब है कि बुंदेललखण्ड में खाद की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। पाली के किसान भोगी पाल और महेश कुमार बुनकर खाद की लाइन में लगे थे। परिजनों का कहना है कि कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली। लाइन में लगे-लगे उनकी हालत खराब हो गई और मृत्यु हो गई। किसान सोनी अहिरवार और बबलू पाल खाद न मिलने के चलते परेशान थे और उन्होंने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी। इन सभी किसानों पर भारी-भरकम कर्ज है और फसल बर्बादी व मुआवजा न मिलने जैसी समस्याओं से परेशान थे।

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