आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने निर्देश दिया है कि पुलिस कर्मी या अधिकारी ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये निर्देश हाल ही में तीन पुलिसकर्मियों और टीटीई के बीच टिकट को लेकर हुए विवाद के बाद दिए गए है। डीजीपी डीएस चौहान ने सभी पुलिस कमिश्नर व कप्तानों को निर्देश देते हुए कहा है कि पुलिस कर्मियों और टीटीई के बीच बिना टिकट एसी कोच में यात्रा को लेकर दो घटनाएं सामने आईं हैं, जो सोशल मीडिया में वायरल हुई है।
ऐसे अनुचित कृत्यों से उत्तर प्रदेश शासन व पुलिस विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। डीजीपी ने कहा कि राजकीय कार्यों से यात्रा करने वाले पुलिस कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा यात्रा भत्ता प्रदान किया जाता है, ऐसे में प्रत्येक पुलिस कर्मी का यह उत्तरदायित्व है कि वह यात्रा के दौरान ऐसा कोई आचरण न करें, जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हो।
डीजीपी ने निर्देश दिया है कि सभी पुलिस कमिश्नर व पुलिस कप्तान अपने अधीनस्थ नियुक्त पुलिस कर्मियों को निर्देशित करें कि उनके द्वारा रेल यात्रा नियमानुसार की जाए। किसी पुलिस कर्मी द्वारा रेल यात्रा के नियमों का उल्लंघन किये जाने एवं रेल कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने पर नियमानुसार विधिक, विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
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दरअसल, 14 मार्च को एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। उसमें टीटीई ने जब पुलिसवालों से टिकट मांगा तो उन्होंने टिकट दिखाने से मना कर दिया। वीडियो के मुताबिक पुलिसकर्मी बिना टिकट सफर कर रहे थे। ऐसे में जब टीटीई ने उनसे टिकट मांगा तो बहस करने लगे। पुलिसवाला टीटीई पर चिल्लाते हुए कहता है कि चुप… हालांकि, बुजुर्ग टीटीई इससे डरता नहीं है और दोगुनी ताकत से चिल्लाकर पुलिसवाले को चुप होने का आदेश देता है।
इसके बाद पुलिसकर्मी टीटीई को गाड़ी से नीचे फेंकने की धमकी देता है जब टीटीई बोलता है कि ये तुम्हारे बाप का गाड़ी है, तो पुलिसकर्मी कहता है- हां हमारे बाप का गाड़ी है। इस पर टीटीई कहता है टिकट देखना मेरी ड्यूटी है, लेकिन पुलिसकर्मी फिर भी टिकट नहीं दिखाते और बहस करते रहते हैं। इस पूरी घटना को यात्रियों ने कैमरे में कैद कर लिया और मामला इंटरनेट पर वायरल हो गया था।