आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराने के मामले में सोमवार को बाहुबलि विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों बेटे हजरतगंज कोतवाली पहुंचे थे। हजरतगंज कोतवाली में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में आज पुलिस ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी व उमर अंसारी से करीब 50 सवाल पूछे।
मुकदमें के विवेचक इंस्पेक्टर डीसी श्रीवास्तव ने अब्बास और उमर से जमीन पर अवैध निर्माण कराए जाने तक के बारे में लगभग 50 सवाल किए। कुछ सवालों के जवाब में दोनों भाई कुछ लड़खड़ाए, हालांकि अधिकतर के जवाब देने में दोनों ने सहजता दिखाई। लगभग तीन घंटें तक चली पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों भाईयों को कोतवाली से जाने दिया।
कोतवाली से निकलने के बाद अब्बास व उमर ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह बयान दर्ज कराने आए थे। हालांकि इस दौरान उनके वकील ने पत्रकारों से कहा कि मामला तब का है जब दोनों भाई पैदा भी नहीं हुए थे। उन लोगों को संविधान व कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
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इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक, दोनों भाईयों ने कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले लिया है। पुलिस का दबाव पड़ने पर दोनों बयान दर्ज कराने दोपहर करीब दो बजे थाने पहुंचे। उनसे साढ़े पांच बजे तक गहनता से पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें जाने दिया गया।
गौरतलब है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में पिछले साल दोनों भाईयों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि डालीबाग की जिस जमीन पर मुख्तार के बेटों अब्बास व उमर के नाम से टावर बनाया गया था। वह जमीन मो. वसीम की थी। वसीम के पाकिस्तान जाने के बाद संपत्ति निष्क्रांत के रूप में दर्ज हो गई थी। जमीन कब्जाने के लिए मुख्तार व उसके बेटों ने जाली दस्तावेज तैयार कर दो टॉवर का निर्माण कराया। 14 अगस्त को जांच के बाद जमीन निष्क्रांत घोषित कर दी गई। जांच के दौरान अवैध कब्जा हटवाने के लिए दोनों टावर को जमींदोज कर दिया गया था।
वहीं इस मामले में पुलिस ने अब्बास व उमर की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी, लेकिन दोनों हाथ नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ 25-25 हजार का इनाम घोषित किया था।