आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में गुरुवार को गंगा जमुनी तहजीब की एक बेहतरीन मिसाल पेश की गई। वृंदावन क्षेत्र में जहां एक ओर विशाल पंडालों में वैदिक मंत्रोच्चार हो रहा था, वहीं दूसरी ओर काजी निकाह पढ़ा रहे थे। गरीब मजदूरों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 3500 से अधिक जोड़ों ने वैवाहिक बंधन में बंध एक रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से श्रमिक परिवारों के 3507 नवविवाहित परिवारों को बधाई देते हुए कहा कि श्रमिक राष्ट्र का निर्माता होता है और उसके सुख-दुख में सहभागी होना किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार का पहला कर्तव्य है। योगी ने आगे कहा कि कन्यादान कई यज्ञों से अधिक फलदायी माना जाता है। हमें भी इसके भागीदार होने का सौभाग्य मिला है। राज्य में सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक लगभग एक लाख दो लाख गरीब लड़कियों की शादी हो चुकी है।
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श्रमिक वर्ग के लिए शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अब आकस्मिक मृत्यु के मामले में राज्य के किसी भी मजदूर के परिजनों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, लखीमपुर खीरी और बाराबंकी जिलों के पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों का विवाह किया गया। इस योजना के तहत सरकार द्वारा विवाहित जोड़ों को 75-75 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने राधा कुमारी और विनय कुमार निषाद, मनोरमा और मोहित कुमार, जहाना बेगम और मोहम्मद आरिफ, साफिया खातून और मोहम्मद शोएब सहित दस नवविवाहित जोड़ों को विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान कर उन्हें आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम रिकॉर्ड बनाते और उन्हें तोड़ते हैं। 15 फरवरी को, 27 फरवरी को 2754 जोड़ों का सामूहिक विवाह किया गया था, उसी समय आज हम 3507 जोड़ों की शादी कराकर अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।