ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने वाले निवेशकों से करें संवाद, जमीन पर उतारें हर निवेश प्रस्ताव: CM योगी

निवेश प्रस्ताव
अफसर-मंत्रियों के साथ बैठक करते सीएम योगी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न मंत्रियों, विभागीय अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों के साथ अयोध्या और वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं की आज समीक्षा की। इस विशेष बैठक में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए निर्देश भी दिए। सीएम ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्साहपूर्वक भाग लेने वाले एक-एक निवेशक से संपर्क कर उनकी आवश्यकताओं, अपेक्षाओं को जानें और नीतियों-नियमों के अनुरूप उन्हें तत्काल उसका लाभ दिलाया जाएं।

साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएं कि निवेशकों से जुड़ी कोई भी फाइल अनावश्यक लंबित न रहें। औद्योगिक विकास आयुक्त स्तर से एमओयू की साप्ताहिक विभागवार समीक्षा की जाएं। कोई समस्या हो तो मुख्य सचिव को अवगत कराएं, तत्काल समाधान निकालें।

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रही औद्योगिक इकाइयों और कंपनियों को स्किल्ड, सेमी स्किल्ड, अनस्किल्ड मैनपॉवर की आवश्यकता होगी। हमारे आइटीआइ के प्रशिक्षार्थियों के लिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम के अंतर्गत इकाइयों में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को अवसर दिलाएं। नई स्थापित होने जा रहीं इकाइयों के साथ संवाद करते हुए युवाओं को अधिकाधिक लाभ दिलाया जाएं।

योगी ने आगे कहा कि निवेशकों की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना अंतर्गत ‘उद्यमी मित्रों की तैनाती तत्काल कर दी जाएं। राष्ट्रीय स्तर, अथॉरिटी लेवल और हर जिले में न्यूनतम उद्यमी मित्र की तैनाती कर दी जाएं। चयन में पारदर्शिता हो और योग्य युवाओं का ही चयन करें।

यह भी पढ़ें- डबल इंजन सरकार के प्रयासों से आयुर्वेद छुएगा नई ऊंचाइयां: CM योगी

वहीं बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ दिनों में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण की स्थिति देखी जा रही है। शासन सहित सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड रहें। हर जिलों में इसके मरीजों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए। एक-एक मरीज को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं। आम लोगों को इसके लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए।

कोविड के केस भी बढ़ रहे हैं, ऐसी स्थिति पर सतत नजर बनाए रखें, आवश्यकतानुसार टेस्टिंग बढ़ाई जाएं। समन्वित और संतुलित विकास के लिए राजधानी के रूप में लखनऊ की क्षमताओं को विस्तार देने के उद्देश्य से लखनऊ और आसपास के जिलों को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना है।

यह भी पढ़ें- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र में CM योगी ने कहा, यूपी को मिला 32 लाख 92 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव