आरयू वेब टीम।
बिहार के सभी जेलों में 15 अगस्त के मद्देनजर एक साथ छापेमारी की गयी। छापेमारी के दौरान सभी वार्डों की सघन जांच की गयी। इसी अभियान के तहत मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस जेल में जब जिला अधिकारी और एसएसपी छापा मारने पहुंचे चौकाने वाली बात सामने आयी। जांच के दौरान मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड का मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर मुलाकातियों से मिलने वाले एरिया में पाया गया।
जिसे देख कर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर रेप कांड की जड़ें कितनी गहरी हैं। ब्रजेश ठाकुर को जेल तो भेजा गया, लेकिन वहां भी उसकी मदद जमकर की जा रही है। जांच के लिए शनिवार को जब टीम जेल पहुंची तो जिला जेल में बंद ब्रजेश जेल में मुलाकातियों से मिलने वाले एरिया में आराम से टहल रहा था।
इतना ही नहीं उसके पास से कई कागजात, जिसमें दो पन्नों में करीब चालीस लोगों के नाम और मोबाइल नंबर मिले, जिसमें कई प्रभावी लोगों के नाम शामिल हैं। साथ ही कागज में एक मंत्री के नाम के आगे एक मोबाइल नंबर लिखा था। जो कई सवाल खड़ा कर रहा है।
हालांकि सभी कागजात जब्त कर सील कर दिए गए हैं, लेकिन इस छापेमारी के बाद प्रशासन ब्रजेश ठाकुर की बीमारी को बहाना मान रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अब मेडिकल बोर्ड का गठन कर उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ और कागजात मिले हैं, जिससे लग रहा है कि वो अपने वकीलों के साथ बैठ कर कैसे लोगों को फंसाना है, इसकी रणनीति बना रहे हैं।
एक जिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुजफ्फरपुर कोर्ट में मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर लिए जाने का आवेदन करने से पहले टीम ने सीलबंद कमरे खोले और तलाशी ली। अधिकारी ने कहा, “टीमों ने सील किए गए कमरे खोले और मामले में और सबूत इकट्ठा करने के लिए तलाशी ली। टीमों द्वारा की गई सभी जांच गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए वीडियोग्राफी की गई।
ब्रजेश को नौ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार करने के बाद बालिका गृह को जिला प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था। ब्रजेश ने मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारागार में केवल पांच दिन बिताए हैं। इस मामले में उसे दो जून को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा, “वह स्वास्थ्य आधार पर जेल के मेडिकल वार्ड में रह रहा है और कैदियों के वार्ड में रहने से बचने में कामयाब रहा।