आरयू वेब टीम।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बुधवार को बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे। वहीं इस दौरान बैठक में मौजूद 51 सांसदों ने राहुल गांधी को इस्तीफा न देने के लिए मनाया, लेकिन वो अपनी बात पर अड़े रहे। राहुल गांधी ने सांसदों से कहा कि अब मैं अध्यक्ष नहीं रहूंगा।
राहुल के इस जवाब के बाद सभी सांसद चुप हो गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी ने बैठक में राहुल को इस्तीफा न देने पर तर्क दिया कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी नहीं है, बल्कि सामूहिक पार्टी की है। लेकिन राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि फैसला हो चुका है, मैं अब अध्यक्ष नहीं रहूंगा।
वहीं, राहुल गांधी गुरुवार को उन राज्यों के पार्टी नेताओं से चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मिलेंगे, जहां आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी के महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के पार्टी नेताओं से मिलने की संभावना है।
गौरतलब है कि इस बैठक में राहुल समेत कांग्रेस के सभी 52 सांसद मौजूद थे। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में ही राहुल ने पद छोड़ने की बात की थी। हालांकि उस समय कार्यसमिति ने उनकी इस पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके पास राहुल का विकल्प नहीं है। इसके बाद तमाम नेताओं के मनाने के बावजूद राहुल अभी तक अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़े हुए हैं।
कार्यसमिति के सदस्यों ने राहुल गांधी से कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में पार्टी को उनके मार्गदर्शन की जरूरत है, लिहाजा वह पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहें। इस बैठक में राहुल ने कहा कि उनकी जगह प्रियंका गांधी का नाम भी प्रस्तावित न किया जाए। साथ ही, किसी गैर कांग्रेसी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, लेकिन कार्यसमिति ने राहुल की बात नहीं मानी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, राहुल गांधी को अब यह अधिकार दिया गया कि वह पार्टी में अपने मुताबिक जैसे चाहे संगठनात्मक बदलाव कर सकते हैं।