आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी कर एलडीए पर नया दाग लगाने वाले कर्मचारी को मंगलवार को एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने निलंबित कर दिया है। वीसी ने यह कार्रवाई अपर सचिव ज्ञानेंद्र कुमार वर्मा की प्रारंभिक जांच में आरोपित माली आसिम रजा के कूटरचित कागजात के आधार पर ठगी करने का दोषी पाए जाने के बाद की है। उपाध्यक्ष के इस कदम से एलडीए में भ्रष्टाचार व मनमानी करने वालों में हड़कंप है।
अरुण कुमार करेंगे आगे की जांच
आसिम रजा को निलंबित करने के बाद ओएसडी अमित राठौर के कैंप से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही इस मामले में उपाध्यक्ष ने आगे की जांच के लिए ओएसडी अरुण कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया है। अरुण कुमार भुक्तभोगियों की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर जांच पूरी कर मामले की रिपोर्ट वीसी को सौंपेगे। जिसके आधार पर आरोपित माली पर आगे की कार्रवाई एलडीए की ओर से की जाएगी।
संक्षेप में जानें क्या था मामला
बताते चलें कि बीते 23 दिसंबर को मड़ियांव क्षेत्र के सीतापुर रोड निवासी संतोष कुमार पांडेय उनके बेटे प्रदीप कुमार पांडेय व पड़ोसी आकाश त्रिवेदी ने प्रार्थना पत्र देकर एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार से शिकायत की थी आसिम रजा ने एलडीए में बाबू के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे चार-चार लाख रुपये ठगे हैं, जबकि मोतीनगर (नाका) के संजय यादव ने दो लाख रुपये ऐंठने की शिकायत की थी। भुक्तभोगियों ने इस दौरान साक्ष्य के तौर पर एलडीए के अफसर को आसिम रजा का ऑडियो, वीडियो व कुछ कागजात भी सौंपे थे। सचिव ने मामले की जांच अपर सचिव को सौंपी थी, जिसकी शुरूआती जांच में आसिम ठगी करने का दोषी पाया गया।
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मामला संज्ञान में आने पर इसकी प्रारंभिक जांच अपर सचिव से कराई गयी थी, जिसमें माली के दोषी पाए जाने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। आगे की जांच के लिए अरुण कुमार सिंह को नामित किया गया है। इसके साथ ही विभाग की छवि खराब करने वालों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अक्षय त्रिपाठी, एलडीए वीसी