आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कांग्रेस में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आने का विरोध और अनुशासनहीनता दिखाना आखिरकार आज संजय दीक्षित को भारी पड़ गया। पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज ये जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि कांग्रेस अनुशासन वाली पार्टी के रूप में पहचानी जाती है, इसलिए इसे बनाए रखना बेहद जरूरी है। जबकि संजय दीक्षित शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के विरूद्ध अनर्गल, बेबुनियाद टिप्पणी, समाचार-पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार कर रहे थे।
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इसके साथ ही उनको पार्टी के निर्देश की अवहेलना करने, पार्टी फोरम पर प्रतिउत्तर न देकर उनके द्वारा सार्वजनिक करने को यूपी कांग्रेस कमेटी अनुशासन समिति ने घोर अनुशासनहीनता मानने के साथ ही उन्हें पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया।
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प्रदेश प्रवक्ता ने ये भी कहा कि निष्कासित करने से पहले पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा उन्हें ऐसे आचरण नहीं करने की चेतावनी भी दी जा चुकी है तथा लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया था। साथ ही इससे पहले भी वह पार्टी विरोधी कार्य में लिप्त पाए गए थे।
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बताते चलें कि संजय दीक्षित कांग्रेस में प्रदेश संगठन मंत्री के पद पर थे। उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पार्टी में आने का खुले तौर पर विरोध किया था। रमेश दीक्षित ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था कि इससे भाजपा को कांग्रेस पर हमला बोलने का मौका मिल जाएगा।