आरयू वेब टीम।
नयी दिल्ली में हुए देश को झकझोर का रख देने वाले निर्भया कांड में शामिल हत्या और बलात्कार के तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद पवन, विनय और मुकेश की फांसी की सजा बरकरार रहेगी।
सोमवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के मुकेश (29), पवन गुप्ता (22) और विनय शर्मा की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है।
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वहीं निर्भया कांड में शामिल चौथे दोषी अक्षय कुमार सिंह (31) ने उच्चतम अदालत के पांच मई 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी। अक्षय कुमार सिंह के वकील एपी सिंह ने कहा कि अक्षय ने अब तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। हम इसे दाखिल करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले साल सुनाए फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में उसे सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।
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बताते चलें कि दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह हैवानों ने निर्भया से गैंगरेप किया था और उसे बेहद गंभीर चोटें पहुंचाने के बाद सड़क पर फेंक दिया था। सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान निर्भया की मृत्यु हो गई थी। घटना की भयावहता सामने आते ही देश भर में लोग आक्रोशित हो उठे थे।
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इस मामले में कुल छह लोगों आरोपित बनाया गया था। वहीं एक आरोपित राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। जबकि आरोपितों में एक किशोर भी शामिल था। जिसे किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दोषी ठहराने पर मात्र तीन साल में ही बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया था। इसी के बाद बेहद गंभीर अपराधों में शामिल नाबालिगों पर भी सख्ती करने की मांग उठी थी।
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