आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का आज अंतिम बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश यह बजट अंतरिम प्रकृति का है और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए व्यापक बजट आम चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद ही पेश किया जाएगा।
साथ ही आज संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे युवा देश में उच्च आकांक्षाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें गरीब, महिलायें, युवा और अन्नदाता पर फोकस रखने की जरूरत है। उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।
सीतारमण ने आज दावा किया कि, “भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले दस वर्षों में गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा है। भारत के लोग अब आशावाद के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं। लोगों के आशीर्वाद से, जब हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में सत्ता संभाली, तब देश को सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने उन चुनौतियों पर सही तरीके से काबू पाया।”
‘नारी शक्ति’ पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “दस वर्षों में उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत बढ़ा है, एसटीईएम पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन 43 प्रतिशत है, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। कार्यबल में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। तीन तलाक को अवैध बनाना, संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 1/3 सीटें आरक्षित करना, पीएम आवास योजना के तहत महिलाओं को 70 प्रतिशत से अधिक घर देने से उनकी गरिमा बढ़ी है।”
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केंद्रीय वित्त मंत्री ने मोदी सरकार के अमृत काल के लिए रणनीति बताते हुए कहा, “हमारी सरकार ऐसी आर्थिक नीतियां अपनाएगी जो विकास को बढ़ावा दें और बनाए रखें, समावेशी और सतत विकास की सुविधा प्रदान करें, उत्पादकता में सुधार करें, सभी के लिए अवसर पैदा करें, उन्हें अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करें और ऊर्जा निवेश और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संसाधनों के उत्पादन में योगदान दें।”