आरयू वेब टीम।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने रिटायर होने के बाद सोमवार को नोटबंदी पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के ऐलान के बाद ऐसा लगा था कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाले पैसे का गलत इस्तेमाल बंद होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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नोटबंदी के बाद भी चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है और पुराने चुनाव की तुलना में उन्हीं राज्यों में ज्यादा कालाधन जब्त हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘इससे यह साफ पता लगता है कि राजनीतिक दलों और उनके फाइनेंसरों के पास धन की कोई कमी नहीं है। इस तरीके से इस्तेमाल होने वाला धन आमतौर पर काला धन ही होता है। चुनाव में काला धन इस्तेमाल होता रहा है, इसकी रोक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।’
यहां बताते चलें कि ओपी रावत एक दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। रावत के कार्यकाल में त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए। इस दौरान कई जगह उपचुनाव भी हुए।
वहीं उनकी जगह अब सुनीत अरोड़ा ने ली है। अरोड़ा का बतौर सीईसी कार्यकाल अप्रैल 2021 तक का होगा। इस दौरान उनकी निगरानी में 2019 में आम चुनाव और सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, बिहार, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव होंगे।