आरयू वेब टीम।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए लगभग सभी पुराने नोट वापस आ चुके हैं। आरबीआइ ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुल 99.30 प्रतिशत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट वापस आ चुके हैं। वहीं रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
आरबीआइ ने वार्षिक रिपोर्ट में इन नोटों का पूरा लेखा-जोखा दिया है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (एसबीएनएस) की प्रोसेसिंग का काम आरबीआइ के सभी केंद्रो में पूरा हो चुका है। सर्कुलेशन से कुल 15,310.73 अरब रुपये की वैल्यू वाले पुराने नोट वापस आए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि आठ नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपये की वैल्यू के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे। इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपये है। साथ ही रिपोर्ट से यह भी बताया गया है कि नए नोटों की छपाई पर सरकार के कुल 7965 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
वहीं रिपोर्ट आने के बाद नए सिरे से नोटबंदी का फैसला सवालों के घेरे में आ गया है, जिसे लेकर विरोधी इस फैसले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। विपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर जब 99 प्रतिशत से ज्यादा पुराने नोट वापस आ गए तो देश को आखिर इस फैसले से क्या फायदा हुआ? क्या एक फीसदी से भी कम देश में कालाधन था। इतना ही नहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पूरी दुनिया में किसी भी अर्थशास्त्री ने नोटबंदी की तारीफ नहीं की।