बोले चिदंबरम, कोई जेटली को याद दिलाए कि नोटबंदी पर पहले क्या कहा था

पूर्व वित्‍त मंत्री
पी चिदंबरम (फाइल फोटो।)

आरयू वेब टीम। 

नोटबंदी के आज दो साल पूरे होने पर विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नोटबंदी के संदर्भ में वित्त मंत्री अरुण जेटली के ताजा बयान की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि जेटली को याद दिलाया जाना चाहिए कि उन्होंने नोटबंदी के बारे में पहले क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने इस विषय पर उच्चतम न्यायालय में क्या बात कही थी।

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से ट्वीट कर कहा, वित्त मंत्री कहते हैं कि नोटबंदी का मकसद मुद्रा की जब्ती नहीं था। क्या कोई उनको याद दिलाएगा कि उन्होंने मीडिया से क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को क्या बताया था?’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘तीन से चार लाख करोड़ रुपये हासिल करने का सपना था। बैंक काउंटरों पर मनी लॉन्ड्रिंग के कारण यह दिवा स्वप्न साबित हुआ।

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मालूम हो कि वित्त मंत्री जेटली ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ और कर आधार भी बढ़ा। इससे सरकार के पास गरीबों के हित में काम करने और बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध हुए।

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नोटबंदी की दूसरी बरसी पर एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले चार साल में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 6.86 करोड़ हो गई, जबकि मई 2014 यह संख्या 3.8 करोड़ थी। वहीं ‘नोटबंदी का प्रभाव’ शीर्षक से लिखे अपने इस लेख में जेटली ने कहा, ‘‘इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक, हम करदाताओं की संख्या को दोगुना कर चुके होंगे।

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बता दें कि आज से ठीक दो साल पहले मोदी सरकार ने 1000 और 500 के नोट बंद कर दिए थे। पीएम मोदी ने आठ नवंबर, 2016 रात आठ बजे दूरदर्शन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था। उनका दावा था कि नोटबंदी के बाद कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। साथ ही, उन्होंने इसे कैशलेस (नकदी रहित) अर्थव्यवस्था और डिजिटल सोसायटी की तरफ एक बड़ा कदम बताया था।

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