आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर सोमवार को समाजवादी व्यापार सभा ने काला दिवस मनाया। इस दौरान प्रदेश में सपा से जुड़े कारोबारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराने के साथ ही आठ नवंबर को भारतीय अर्थव्यवस्था का काला दिवस बताया। इसकी मार से अभी तक कारोबार पटरी पर नहीं आ पाया है।
लखनऊ में व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन मनोचा के नेतृत्व में नाका चौराहे पर काला दिवस मनाया गया। इस दौरान कारोबारियों ने बाजारों में मार्च निकाला। साथ ही चौराहे से गुजरने वाले लोगों को नोटबंदी के नुकसान के बारे में बताया। इस दौरान पवन मनोचा ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने बताया कि नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित हुई है। भारत के लिए यह ‘अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति’ साबित हुई।
व्यापार सभा ने मांग की है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी गलती माननी चाहिए। दरअसल, नोटबंदी कालाधन पर रोक लगाने के लिए की गई थी, लेकिन उस समय सारा पैसा बैंकों में जमा हो गया था। ऐसे में सरकार का दावा झूठा निकला था। हालांकि इसकी वजह से पूरे देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ हो गई। छोटा और मध्यम वर्ग का कारोबारी बर्बाद हो गया।
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व्यापार सभा ने आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी कुछ बड़े घरानों को फायदा देने के लिए की गई थी। इससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ हुई। जीडीपी में गिरावट आई। इसमें लाखों लोग बेरोजगार हो गए। बड़े स्तर पर कंपनियां बंद हुईं। दिहाड़ी पर काम करने वालों को रोजगार मिलना मुश्किल हो गया था। नरेंद्र मोदी का यह आदेश तुगलकी फरमान साबित हुआ था। उन्होंने पूरे देश को लाइन में खड़ा कर दिया था।
प्रदेश सचिव सोनू कनौजिया व नगर अध्यक्ष सुमित गुप्ता ने कहा केंद्र और राज्य सरकार गरीब और व्यापारियों के विरोध में काम कर रही है। इससे जनता परेशान है। नगर महासचिव हरप्रीत सिंह उर्फ विक्की व मनीष अरोड़ा ने कहा कि व्यापार सभा ने काली पट्टी बांध कर पदयात्रा के माध्यम से विरोध दर्ज कराया है। व्यापारियों ने काली पट्टी बांधकर विजय नगर चौराहे से पदयात्रा निकालते हुए नाका चौराहे से गुरुद्वारा रोड, बांस मंडी होते हुए लाटूश रोड से हिवेट रोड हुसैनगंज तक अपना विरोध दर्ज कराया।