आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी के नाम को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर आज विराम लग गया। सुलखान सिंह के कार्यकाल समाप्त होने के आखिरी दिन प्रदेश के पुलिस मुखिया का नाम फाइनल हो गया है। वर्तमान में दिल्ली में डीजी सीआईएसएफ के पद पर तैनात ओम प्रकाश सिंह को उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी के तौर चुना गया है। उनका कार्यकाल जनवरी 2020 में पूरा होगा।
मूल रूप से बिहार के गया निवासी यूपी कैडर के 1983 बैच के आईपीएस अफसर ओपी सिंह के पास बतौर डीजीपी कार्य करने के लिए लंबा समय है। सरकार भी ऐसे ही डीजीपी की तलाश कर रही थी, जो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को भी बेहतर ढंग से पूरा करा सकें। साथ ही उसकी छवि अच्छी होने के साथ ही फील्ड पुलिसिंग का बेहतर अनुभव हो।
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ओपी सिंह अपने सेवा के दौरान अब तक अल्मोड़ा, खीरी, बुलंदशहर, इलाहाबाद, मुरादाबाद में बतौर एसएसपी काम कर चुके हैं। इन सबके अलावा वह तीन बार राजधानी लखनऊ के भी पुलिस मुखिया रह चुकें हैं। वहीं मुरादाबाद और आजमगढ़ के डीआईजी का पद संभालने के साथ ही मेरठ जोन के आईजी भी रह चुके हैं। इनके पास सीआरपीएफ का लंबा अनुभव है। वह फिलहाल दिल्ली में सीआईएसएफ के डीजी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।
नए डीजीपी आगामी तीन जनवरी को अपना कार्यभार संभालेंगे। सुलखान सिंह का आज कार्यकाल पूरा होने और तीन जनवरी तक के बीच के समय की प्रदेश पुलिस मुखिया की कमान एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार के हाथों में होगी।प्रमुख सचिव गृह, अरविंद कुमार ने मीडिया को बताया कि ओपी सिंह का नाम फाइनल होने के बाद उन्हें केंद्रीय कार्यवाही पूरी करने में दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है।
विदेशों से भी मिल चुकी है सराहना
सीआईएसएफ से पहले ओपी सिंह एनडीआरएफ के भी डीजी रह चुके हैं। ओपी सिंह के नेतृत्व में प्राकृतिक आपदाओं के समय बहादुरी से काम किया गया जिससे लाखों लोगों की जान बची है। चाहे वो जम्मू और कश्मीर की बाढ़ हो या नेपाल का प्रलयंकारी भूकंप, युद्ध स्तर पर किए गए एनडीआरएफ के कार्यों की सराहना यूनाइटेड नेशन और नेपाल की सरकार ने भी की थी।
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