आरयू ब्यूरो
लखनऊ। तालकटोरा में बीती रात संदिग्ध परिस्थितियों में झोपड़ी में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में मां समेत उसकी दो बेटियां व बेटा शामिल है। हादसे में बगल में ही स्थित अन्य झोपडि़या भी जलकर राख हो गई।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की दो गाडि़यों ने आग बुझाया। घटनास्थल पर पहुंचे एसपी पश्चिम जयप्रकाश और तालकटोरा पुलिस ने छानबीन की। पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ ही आगे की कार्रवाई कर रही है। हादसे से परिजनों में कोहराम मचा है।
तालकटोरा के अली तरंग मैरिज हाल के बगल में स्थित सरकारी जमीन पर प्रेमशंकर तिवारी प्लास्टिक व लकड़ी के सहारे झोपड़ी बनाकर पत्नी रत्ना देवी(45) समेत पुत्री बब्ली(14), प्रियंका (12) व तीन पुत्र सुधीर (8) शिवराम व छोटू के साथ रहता था। वेटर का काम करने के चलते कल रात प्रेमशंकर इंदिरानगर में आयोजित एक शादी समारोह में पुत्र शिवराम व छोटू के साथ काम करने गया था।
जबकि घर के बाकी के सदस्य सो रहे थे। देर रात करीब ढाई बजे प्रेमशंकर के घर में आग लग गई। किसी को जानकारी होती उससे पहले ही आग ने आसपास की करीब आधा दर्जन अन्य झोपडि़यों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आंच से लोगों की नींद टूटी तो अन्य झोपड़ी वाले बाहर निकल गए।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची आलमबाग फायर स्टेशन की दो गाडि़यां ने आग बुझा दिया, हालांकि तब तक लगभग सबकुछ जलकर नष्ट हो चुका था।
इंस्पेक्टर तालकटोरा ने बताया कि आग लगने के समय सभी ने सोचा कि प्रेमशंकर का परिवार झोपड़ी में नहीं है, लेकिन आग बुझने के बाद झोपड़ी से रत्ना उसकी बेटी बब्ल, प्रियंका व पुत्र सुधीर का अर्धजला शव मिला तो लोगों की रूहें कांप गई।
फिलहाल मृतक के परिजनों ने किसी प्रकार की रंजिश की बात से इंकार किया है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि रात के समय गर्मी के लिए जलाई गई आग ने तांडव मचाया होगा। हालांकि पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि आग लगने के बाद किन परिस्थितियों में लोग झोपड़ी से बाहर नहीं निकल सके।
एसपी पश्चिम जयप्रकाश के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दूसरी ओर घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।